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29 दिसंबर 2009

उत्पादक देशों में पैदावार कम रहने से पिस्ता महंगा

पिस्ता के दाम पिछले दो माह में करीब 15 फीसदी बढ़ चुके हैं। इसकी वजह उत्पादक देशों में इसकी पैदावार कम होना हैं। कारोबारियों के मुताबिक इसके मूल्यों में मांग कम होने के बावजूद बहुत अधिक गिरावट के आसार नहीं हैं।राष्ट्रीय राजधानी की खारी बावली स्थित ड्राईफ्रूट बाजार में पिस्ता डोडी के दाम 450-550 रुपये से बढ़कर 480-620 रुपये और पिस्ता गिरि के दाम 750-1200 रुपये से बढ़कर 850-1300 रुपये प्रति किलो हो चुके हैं। खारी बाबली सर्व व्यापार महासंघ के सचिव ऋषि मंगला ने बिजनेस भास्कर को बताया पिस्ता उत्पादक देश ईरान, अमेरिका में इसकी पैदावार कम होने के कारण इसके मूल्यों में लगातार तेजी आ रही है। इसके दाम दिवाली के बाद से 100-150 रुपये प्रति किलो बढ़ चुके हैं। उनका कहना है कि पिस्ता के दाम अधिक होने के कारण इसकी मांग कम है। कारोबारियों के मुताबिक इसके मूल्यों में आगे हल्की गिरावट आ सकती है। ड्राईफ्रूट कारोबारी राजेश कुमार के अनुसार आगे मांग न होने के कारण इसके मूल्यों में 30-40 रुपये प्रति किलो की गिरावट संभव है। लेकिन उत्पादक देशों में ही इसके दाम अधिक होने के कारण इसके मूल्यों में बहुत अधिक कमी के आसार नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार दिवाली पिछले साल के मुकाबले ड्राईफ्रूट के कारोबार इजाफा हुआ था। लेकिन पिस्ता की मांग अन्य के मुकाबले कम थी। इसकी वजह इसके दाम काफी अधिक होना हैं। वहीं इस बार आर्थिक हालात सुधरने के कारण दिवाली पर ड्राईफ्रूट की मांग पिछली दिवाली के मुकाबले करीब 15 फीसदी अधिक रही। इस बार ड्राईफ्रूट सस्ते होने के कारण भी इसकी मांग बढ़ने को बल मिला था। मंगला का कहना है कि दिवाली पर उपहार में ड्राईफ्रूट का चलन बढ़ने के कारण इसकी मांग में इजाफा हुआ है। जबकि पिछले साल आर्थिक संकट और ड्राईफ्रूट महंगे होने के कारण इसकी मांग करीब 30 फीसदी कम रही थी। खारी बावली मंडी ड्राईफ्रूट का देश में सबसे बडा बाजार है। इस बाजार में ड्राईफ्रूट का करीब 1000 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार किया जाता है। देश में पिस्ता अमेरिका, ईरान और अफगानिस्तान से आयात किया जाता है। (बिज़नस भास्कर)

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