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29 दिसंबर 2009

वियतनाम व इंडोनेशिया को भेजी दागी मक्का की खेप नामंजूर

क्वालिटी को लेकर वियतनाम और इंडोनेशिया ने करीब 11,000-12,000 टन मक्का की खेप रद्द कर दी है। यह मक्का इंडोनेशिया और मलेशिया भेज दी गई थी। इसके सौदे 204 से 220 डॉलर प्रति टन की दर पर हुए थे। भारतीय निर्यातक सौदे सेटल करने की कोशिश कर रहे हैं। इन सौदे के रद्द किए जाने से उत्पादक राज्यों की मंडियों में मक्का की कीमतों में 50-60 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।मैसर्स लक्ष्मी ओवरसीज के डायरेक्टर दिलीप काबरा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि क्वालिटी हल्की होने के कारण वियतनाम और इंडोनेशिया के आयातकों ने 11,000-12,000 टन मक्का की एलसी मानने और भुगतान करने से इंकार कर दिया है। इस मक्का के निर्यात सौदे 204-220 डॉलर प्रति टन की दर पर हुए थे। उन्होंने बताया कि कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में फसल पकने के समय बारिश होने से मक्का के दाने दागी हो गए थे। इसी वजह से आयातकों ने खेप छुड़ाने से इंकार कर दिया। इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्राजील, आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की मक्का सस्ती होने के कारण पहले ही भारतीय निर्यातकों को सौदे करने में दिक्कत आ रही थी। इस समस्या से निर्यात और प्रभावित होने का अंदेशा है। कर्नाटक की मंडियों में मक्का के भाव घटकर 845 रुपये (वैगन बिल्टी), महाराष्ट्र की मंडियों में 910 रुपये और आंध्र प्रदेश की मंडियों में 920 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। निजामाबाद स्थित मैसर्स मनसाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि भारतीय निर्यातकों की निर्यात खेप क्वालिटी पर खरी न उतरने के कारण उत्पादक मंडियों में मक्का के भाव घटे हैं। हालांकि इस समय पोल्ट्री फीड निर्माताओं और स्टार्च मिलों की मांग अच्छी बनी हुई है, साथ ही चालू सीजन में देश में मक्का का उत्पादन भी घटने का अनुमान है इसलिए मौजूदा कीमतों में ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। मोटे अनाजों की ऊंची कीमतों से भी मक्का के भावों में भारी गिरावट की उम्मीद नहीं है। इस समय आंध्र प्रदेश की मंडियों में 30-35 हजार बोरी, कर्नाटक की मंडियों में 80-90 हजार और महाराष्ट्र की मंडियों में 70-75 हजार बोरी मक्का की दैनिक आवक हो रही है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक खरीफ में देश में मक्का का उत्पादन घटकर 126 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि वर्ष 2008-09 के 139 लाख टन के मुकाबले करीब 9.3 फीसदी कम है। हालांकि चालू रबी में मक्का की बुवाई पिछले साल के 7.97 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 8.11 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। अभी तक उत्पादक राज्यों में मौसम भी फसल के अनुकूल है इसलिए रबी में मक्का का उत्पादन वर्ष 2008-09 के 53.9 लाख टन से बढ़ने की संभावना है।मैसर्स गोपाल ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर राजेश अग्रवाल ने बताया कि कर्नाटक, आंध्र और महाराष्ट्र से मक्का की आवक ज्यादा होने से भाव 20-25 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं। दिल्ली में कर्नाटक की मक्का के भाव रैक प्वांइट पर 1040 रुपये और आंध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र की मक्का के भाव 1070 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इन राज्यों उत्तर भारत में करीब 120-125 रैक मक्का की आवक हो चुकी है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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