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28 जनवरी 2010

राज्यों का 5 लाख टन गेहूं मिलों को मिलेगा

राज्य सरकारों के हिस्से का 5।18 लाख टन गेहूं केंद्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमए सएस) के तहत फ्लोर मिलों को बेचने का फैसला किया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ओएमएसएस के तहत फ्लोर मिलों को दस लाख टन गेहूं की बिक्री पिछले अक्टूबर से अगले मार्च तक होनी थी। अब इस अवधि में फ्लोर मिलों को कुल 15.18 लाख टन गेहूं उपलब्ध होगा। निविदा के माध्यम से यह गेहूं जारी किया जाएगा।एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकारों को कुल बीस लाख टन गेहूं का आवंटन अक्टूबर से मार्च (दस लाख टन अक्टूबर से दिसंबर और दस लाख टन जनवरी से मार्च) महीने के लिए किया गया था लेकिन अभी तक राज्यों सरकारों ने केवल 1.81 लाख टन गेहूं का ही उठान किया है। इस अवधि के दौरान खुले बाजार बिक्री योजना के तहत फ्लोर मिलों को दस लाख गेहूं की बिक्री की जानी थी। लेकिन खुले बाजार के मुकाबले सरकारी गेहूं महंगा होने के कारण अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान बहुत कम गेहूं राज्यों ने उठाया। इसलिए जनवरी महीने के लिए एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत गेहूं की निविदा भरने के रिजर्व मूल्य में 183.82 रुपये प्रति क्विंटल की कमी करनी पड़ी। एफसीआई द्वारा ओएमएसएस के तहत गेहूं की कीमतों में कमी करने के बाद गेहूं के उठान में तेजी आई है। एफसीआई ने जनवरी से मार्च तक 5.18 लाख टन गेहूं का जो अतिरिक्त आवंटन करने का फैसला किया है, इसमें दिल्ली के लिए 82,422 टन, चंडीगढ़ के लिए 7,209 टन, पंजाब के लिए 33,244 टन, हरियाणा के लिए 16,772 टन, उत्तर प्रदेश के लिए 23,152 टन और मध्य प्रदेश के लिए 8,608 टन तथा छत्तीसगढ़ के लिए 1,412 आवंटित किया जाएगा।रोलर फ्लोर मिल्र्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि एफसीआई द्वारा गेहूं की निविदा के रिजर्व मूल्य में कमी किए जाने और साप्ताहिक निविदा आने से फ्लोर मिलों में गेहूं की सप्लाई सुगम हो गई है इसीलिए खुले बाजार में गेहूं की कीमतों में पिछले दस-बारह दिनों में करीब 70-75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। दिल्ली में एफसीआई की निविदा का रिजर्व मूल्य 1254.08 रुपये और लारेंस रोड पर भाव 1350-1355 रुपये प्रति क्विंटल हैं। जनवरी महीने में खुले बाजार बिक्री योजना के तहत करीब 3.5 लाख टन गेहूं का उठान हो चुका है। डेढ़-दो महीने बाद उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी तथा अभी तक के मौसम को देखते हुए गेहूं का उत्पादन पिछले साल के 805 लाख टन से ज्यादा ही होने की संभावना है। सरकार द्वारा गेहूं की बिकवाली बढ़ा देने से खुले बाजार में मौजूदा कीमतों में गिरावट की ही संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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