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12 जनवरी 2010

पेराई और रिकवरी में कमी से चीनी की लागत 80 प्रतिशत बढ़ी

नई दिल्ली January 12, 2010
क्षमता के मुकाबले पेराई एवं रिकवरी में कमी से चीनी की लागत पिछले साल के मुकाबले 80 फीसदी अधिक बताई जा रही है।
कम पेराई होने से चीनी मिलों को बगास की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। बॉयलर चलाने के लिए बगास की जरूरत होती है। दूसरी तरफ गन्ने की आपूर्ति सीमित होने से इसकी कीमत 250 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर चुकी है। खांडसारी वाले किसानों को 260 रुपये प्रति क्विंटल तक के भाव दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के किसानों के मुताबिक गेहूं की बुआई अब खत्म हो चुकी है इसलिए उन्हें गन्ने की आपूर्ति करने की कोई जल्दी नहीं है। किसान इस बात की संभावना जाहिर कर रहे हैं कि मिल को चालू रखने के लिए आने वाले समय में गन्ने की खरीदारी हर हाल में और अधिक कीमत प र होगी। फरवरी तक गन्ने का मूल्य 260-270 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकता है।
किसानों की इस संभावना से चीनी मिलर्स भी इत्तेफाक रखते हैं। दया शुगर के सलाहकार डीके शर्मा कहते हैं, 'मात्र एक तिहाई क्षमता से ही चीनी मिलों में पेराई हो रही है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले पेराई की मात्रा आधी रह गई है।
दया शुगर मिल में पिछले साल इस दौरान रोजाना 20 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हो रही थी जबकि इस साल मात्र 10 ह जार क्विंटल गन्ने की पेराई हो रही है।' उन्होंने बताया कि क्षमता के मुकाबले पेराई में 60 फीसदी की कमी के साथ रिकवरी भी इस साल कम है।
पिछले साल इस दौरान गन्ने से मिलने वाली रिकवरी 9.5 फीसदी थी जो कि इस साल मात्र 9 फीसदी है। ऐसे में चीनी की लागत 34-35 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक की बैठ रही है। पिछले साल चीनी की उत्पादन लागत 18-19 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
चीनी मिलर्स के मुताबिक पेराई कम होने से शिरा एवं एथनॉल की भी कम प्राप्ति हो रही है। लेवी चीनी की नयी कीमत को लेकर सरकार की तरफ से अब त क कोई घोषणा नहीं होने से भी चीनी मिलर्स में संशय की स्थिति है। इस साल चीनी मिलें अपने उत्पादन का 20 फीसदी लेवी की चीनी के रूप में सरकार को दे रही है।
पिछले साल तक लेवी चीनी की कीमत 13.50 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास थी। मिल मालिक 19.50 की दर से लेवी चीनी की कीमत मांग रहे हैं, लेकिन सरकार ने इस कीमत को लेकर अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।
दिल्ली के थोक बाजार में चीनी के भाव 43-44 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है। कीमत में तेजी को देखते हुए इन दिनों बाजार से चीनी के उठाव में तेजी आ गई है। पिछले दिनों कृषि मंत्री शरद पवार के बयान से कि चीनी की कीमतों में अगले तीन साल तक तेजी रहेगी, बाजार में मजबूती का रुख है। (बीएस हिन्दी)

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