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15 जनवरी 2010

महंगी चीनी पर राजनीति की चाशनी

मुंबई January 15, 2010
महंगी चीनी ने आम आदमी और सरकार दोनों का जायका खराब कर दिया है। इसकी कीमतों में हो रही वृद्धि से राजनीतिक गलियारों में कड़वाहट बढ़ गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने तो कृषि मंत्री शरद पवार पर बड़ी चीनी मिलों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार 20 रुपये प्रति किलोग्राम चीनी देने का वादा कर रही है।
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने पवार पर आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिन में चीनी में जो 10 रुपये प्रति किलो की तेजी हुई है उसकी वजह इसकी किल्लत नहीं बल्कि जोड़तोड और सट्टेबाजी है। वे कहते हैं कि पवार ने सुनियोजित तरीके से चीनी की किल्लत पैदा की और फिर 9 बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर 20 लाख टन कच्ची चीनी का आयात किया।
बकौल सोमैया, 'कच्ची चीनी 18-20 रुपये प्रति किलो पर आयात होती है। प्रसंस्करण के बाद यह 25 रुपये प्रति किलो में बिक्री को तैयार हो जाती है। लेकिन कंपनियों ने खुदरा बाजार में चीनी बेचने में कोई रुचि नहीं दिखाई। परिणाम यह हुआ कि 10-15 दिन में ही इसके दाम 10 रुपये तक बढ़ गए।'
वे कहते हैं कि आयातित चीनी मुंबई के गोदामों में सड़ रही है पर बाजार में यह लगातार महंगी हो रही है। आंकड़ों के हवाले से उन्होंने कहा कि सरकारी गोदामों में इस समय 40 लाख टन पड़ी हुई है। वहीं मौजूदा सीजन में 1.6 करोड़ टन चीनी पैदा होने का अनुमान है। सोमैया ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि महज 5 फीसदी चीनी ही आयात करनी होगी।
ऐसे में चीनी तो 18-20 रुपये किलो मिलनी चाहिए। सोमैया आरोप लगाते हैं कि पवार की विशेष कृपा से ही चीनी मिलों के शेयर पिछले 14 महीनों में करीब तिगुना हो गए हैं। भाजपा की मानें तो पिछले साल भर के दौरान चीनी आयात और वितरण में कुछ बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर 4,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है।
दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार महंगाई से दो-दो हाथ करने को तैयार है। बकौल मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण राशन की दुकानों में 20 रुपये प्रति किलो की दर से चीनी वितरित की जाएगी।
चीनी कंपनियों के शेयर भाव
कंपनी 7 जनवरी 11 नवंबर 2010 2008 बजाज हिंदुस्तान 35 13बलरामपुर चीनी 143 47धामपुर शुगर 142 26श्री रेणुका शुगर्स 243 70सरशादीलाल एंटरप्राइजेज 176 56त्रिवेणी इजीनियरिंग 115 47भाव-रुपये प्रति शेयर स्त्रोत : बीएस रिसर्च (बीएस हिन्दी)

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