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15 जनवरी 2010

स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से खाद्य तेल के मूल्य में कमी

स्टॉकिस्टों की भी बिकवाली निकलने से घरेलू बाजार में उपलब्धता ज्यादा होने से पिछले तीन-चार दिनों में खाद्य तेलों की कीमतों में 150-300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। वर्ष 2008-09 में भारत में खाद्य तेलों का रिकार्ड आयात हुआ है, जिसके कारण घरेलू बाजार में उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा है। जबकि ब्याह-शादियों का सीजन न होने के कारण भी मांग कमजोर बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तिलहनों का उत्पादन ज्यादा होने के कारण भी मंदी को बल मिला है।दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि रिकार्ड आयात होने के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा बनी हुई है। जबकि ब्याह-शादियों के साथ ही त्यौहारी सीजन न होने से खाद्य तेलों की मांग पहले की तुलना में कम हुई है। घरेलू बाजार में पिछले तीन चार दिनों में सरसों तेल के भाव दादरी में 5400 रुपये से घटकर 5250 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। इसी तरह से क्रूड पाम तेल के दाम कांडला पोर्ट पर 3780-3800 रुपये से घटकर 3520-3530 रुपये, इंदौर में सोयाबीन रिफाइंड तेल के दाम 4920 रुपये से घटकर 4670 रुपये, हरियाणा की मंडियों में बिनौला तेल के दाम 4230 रुपये से घटकर 4050 रुपये और राजकोट में मूंगफली तेल के भाव 6900 रुपये से घटकर 6600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार वर्ष 2008-09 तेल वर्ष में भारत में 81।8 लाख टन खाद्य तेलों का रिकार्ड आयात हुआ है जबकि पिछले साल 56.1 लाख टन आयात हुआ था। आमतौर पर सर्दियों में खाद्य तेलों का आयात कम हो जाता है लेकिन नवंबर महीने में भी 7.12 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ है जोकि पिछले साल नवंबर महीने के 5.19 लाख टन से ज्यादा है।तिलहन व्यापारी निरंजन लाल ने बताया कि रबी तिलहनों की प्रमुख फसल सरसों की आवक अगले महीने मंडियों में आनी शुरू हो जाएगी। जबकि इस समय उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों का करीब 12-13 लाख टन का बचा है। इसीलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली पहले की तुलना में बढ़ गई है। दिल्ली थोक बाजार में कंडीशन की सरसों के भाव घटकर बुधवार को 2740-2750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि पिछले सप्ताह के शुरू में भाव 2850-2900 रुपये प्रति क्विंटल थे। सोयाखली में निर्यात मांग और रिफाइंड सोया तेल में घरेलू मांग कमजोर होने के कारण पिछले एक सप्ताह में सोयाबीन की कीमतों में भी 115 रुपये की गिरावट आकर भाव 2235 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। उन्होंने बताया कि अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना में सोयाबीन की पैदावार पिछले साल के मुकाबले ज्यादा होने से विश्व में तिलहनों की उपलब्धता पिछले साल से ज्यादा होने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर)

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