कुल पेज दृश्य

11 जनवरी 2010

चीनी मिलों में अब लौटेगी मिठास

चीनी की चाल से किसी की खिलीं बांछें और कोई हुआ बेहाल
नई दिल्ली 01 10, 2010
कच्ची चीनी के आयात पर लगी रोक हटाने के लिए केंद्र सरकार जब उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार को नहीं मना पाई, तो उसने राज्य के चीनी मिल मालिकों को आयातित कच्ची चीनी दूसरे राज्यों में बेचने की अनुमति दे दी।
सूत्रों ने बताया कि चीनी के दामों में आई तेजी को रोकने और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खाद्य मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। राज्य की चीनी मिलों की ओर से आयात की गई करीब 900,000 टन कच्ची चीनी पिछले दो महीनों से बंदरगाह पर ही पड़ी हुई है।
चीनी उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे नंबर है। पहले स्थान पर महाराष्ट्र है। उत्तर प्रदेश में बजाज हिंदुस्तान और बलरामपुर चीनी जैसी कंपनियों के संयंत्र हैं। उत्तर प्रदेश स्थित बजाज हिंदुस्तान, सिंभावली और धामपुर समेत बाकी चीनी मिलें शुल्क मुक्त योजना के तहत अधिकतर ब्राजील से ही कच्ची चीनी आयात करती हैं।
उद्योग सूत्र ने बताया कि इस आयातित चीनी से बंदरगाहों के गोदाम भरे पड़े हैं। इस आयातित कच्ची चीनी को बाकी राज्यों की चीनी मिलों को बेचने पर इन कंपनियों को अच्छा मार्जिन मिल सकता है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने कच्ची चीनी 520-550 डॉलर प्रति टन की कीमत पर खरीदी है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय कच्ची चीनी की कीमत 690-700 डॉलर प्रति टन है।
पिछले साल नवंबर की शुरुआत में राज्य सरकार ने राज्य में कच्ची चीनी के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य सरकार का कहना था कि इस फैसले से राज्य के किसानों को उनके गन्ने की बेहतर कीमत मिल सकेगी। लेकिन इस फैसले के बाद चीनी के दामों में बेहद तेजी आई और चीनी के थोक बिक्री दाम 4200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे।
आयातित चीनी पर लगा प्रतिबंध हटाने से यूपी सरकार के इनकार की वजह से महंगाई रोकने के लिए बाजार में अतिरिक्त चीनी मुहैया कराने की केंद्र सरकार की योजना विफल हो गई थी। उत्तर प्रदेश की एक चीनी मिल के मालिक ने कहा, 'अगर राज्य सरकार ने आयातित कच्ची चीनी पर प्रतिबंध नहीं लगाया होता तो अभी तक हम करीब 2,50,000 टन चीनी बाजार में पहुंचा चुके होते।'
घरेलू बाजार में चीनी की कमी दूर करने के लिए केंद्र ने कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात को मंजूरी दे रखी है। सितंबर 2009 को समाप्त सत्र में घरेलू चीनी उत्पादन 42 फीसदी घटकर 1.5 करोड़ टन हो गया था, इससे खुदरा चीनी के दाम दोगुने हो गए। अभी चीनी के खुदरा दाम 45-46 रुपये प्रति किलोग्राम है। देश में चीनी की सालाना खपत करीब 2.3 करोड़ टन है।
लो.. कर लो मुंह मीठा
यूपी के मिल मालिक बेच सकते हैं दूसरे राज्यों में आयातित कच्ची चीनीकरीब 9 लाख टन कच्ची चीनी पड़ी है बंदरगाहों परयूपी सरकार ने नहीं हटाया आयातित कच्ची चीनी पर लगा प्रतिबंधसितंबर 2009 तक चीनी उत्पादन घटा 42 फीसदी (बीएस हिन्दी)

कोई टिप्पणी नहीं: