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12 जनवरी 2010

चीनी मिलों ने किसानों को लुभाने के लिए फिर बढ़ाये गन्ने के दाम

उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने एक बार फिर गन्ने के दाम बढ़ा दिए हैं। राज्य की चीनी मिलों ने अब किसानों से 240 से 245 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीद शुरू कर दी है। गन्ने की कमी के कारण मिलें किसानों को लुभाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। कुछ चीनी मिलें किसानों को भाड़े का 10-15 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त भुगतान भी कर रही हैं। ये कीमत पहले तय किए गए दाम से 20 रुपये और राज्य सरकार द्वारा तय किए गए राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) से 70-75 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है।पड़ोसी राज्य हरियाणा में मिलें गन्ने की खरीद 220 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही हैं जबकि आमतौर पर हरियाणा की मिलें उत्तर प्रदेश के मुकाबले ज्यादा दाम देती रहीं हैं। राज्य में गन्ना क्षेत्रफल में आई कमी के कारण मिलों को पर्याप्त मात्रा गन्ना नहीं मिल रहा है। इसी वजह से मिलों को गन्ने के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। मिलों ने पहले 205 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का दाम देने का ऐलान किया था। लेकिन इन भावों पर किसानों द्वारा गन्ना न दिए जाने से मिलों ने भाव बढ़ाकर 210-215 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। उसके बाद भी मिलों में पर्याप्त मात्रा में गन्ना नहीं मिल पाया। इसलिए राज्यों की चीनी मिलों ने किसानों से 220-225 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीद शुरू कर दी थी। कोल्हू संचालक गन्ने की खरीद 225-230 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं। गेहूं की बुवाई का समय समाप्त होने के कारण अब किसानों पर गन्ना बेचने का दबाव भी नहीं है।केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए नई मूल्य प्रणाली फेयर एंड रिम्यूनेरेटिव प्राइस (एफआरपी) के तहत गन्ने का दाम 129।94 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। जबकि उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) 162.50 रुपये से 170 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उत्तर प्रदेश की एक चीनी मिल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में गन्ना किसानों को गन्ने का दाम तो ज्यादा मिल ही रहा है, साथ ही चीनी मिलें किसानों को नकद भुगतान भी कर रही हैं। इससे अगले साल किसान गन्ना उगाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं। अगले साल गन्ने की ज्यादा बुवाई हो सकती है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गन्ने की कीमतें बढ़ने से चीनी की उत्पादन लागत बढ़ रही है। गन्ने के दाम तो बढ़े ही है, साथ ही चालू पेराई सीजन में रिकवरी भी पिछले साल के मुकाबले करीब 0.7 फीसदी कम आ रही है। चालू पेराई सीजन में पेराई देर से शुरू होने से 31 दिसंबर तक देश में करीब 59.4 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका, जबकि पिछले साल इस समय तक 60.8 लाख टन चीनी का उत्पादन हो गया था। पिछले दो दिनों में चीनी की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट आकर एक्स-फैक्ट्री भाव 4050-4150 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में 4150-4300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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