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25 जनवरी 2010

उत्पादन घटने के बावजूद मक्का नरम

निर्यात मांग न होने से पैदावार में कमी आने के बावजूद मक्का की कीमतों में गिरावट आई है। निजामाबाद मंडी में मक्का की कीमतें करीब छह फीसदी और वायदा बाजार में करीब तीन फीसदी घटी हैं। कृषि मंत्रालय के मुताबिक देश में खरीफ सीजन में मक्का उत्पादन में करीब नौ फीसदी की कमी आने का अनुमान है। विश्व में मक्का का उत्पादन बढ़ने की संभावना है इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में मक्का के दाम नीचे चल रहे हैं जिससे भारत से निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं।कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ में मक्का का उत्पादन 126.1 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 139 लाख टन का उत्पादन हुआ था। दिसंबर महीने में वियतनाम और इंडोनेशिया के आयातकों ने मक्का निर्यात की खेप खराब क्वालिटी के आधार पर लेने के इंकार कर दिया था। उसके बाद से भारत से निर्यात मांग काफी कम हो गई है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में करीब 40-60 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। उधर विश्व में मक्का का उत्पादन बढ़ने की संभावना है जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में मक्का के भाव 200-210 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं जबकि भारत से इन भावों में निर्यातकों को पड़ते नहीं लग रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्राजील, आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की मक्का भारत के मुकाबले सस्ती है। आंध्र प्रदेश की निजामाबाद मंडी में मक्का के भाव 970 रुपये से घटकर 905-910 रुपये, कर्नाटक की मंडियों में 920 रुपये से घटकर 890 रुपये, महाराष्ट्र की मंडियों में 950 रुपये से घटकर 900-910 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दिल्ली में मक्का का भाव 1100 रुपये से घटकर 1070 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। एनसीडीईएक्स पर फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में 11 जनवरी को मक्का का भाव 950 रुपये प्रति क्विंटल था लेकिन निवेशकों की बिकवाली से शनिवार को भाव घटकर 919 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।उत्तर भारत में मक्का का उत्पादन कम होने के कारण उत्तर भारत के पोल्ट्री फीड निर्माता और स्टार्च मिल वाले आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से खरीद कर रहे हैं। इन राज्यों से उत्तर भारत में साप्ताहिक करीब 25-30 हजार क्विंटल मक्का के सौदे हो रहे हैं। आंध्र प्रदेश की मंडियों में मक्का की दैनिक आवक घटकर 10-12 हजार क्विंटल और कर्नाटक की मंडियों में 20-25 हजार और महाराष्ट्र की मंडियों में 15-20 हजार क्विंटल की हो रही है। रबी में भी मक्का की बुवाई में कमी आई है।कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के मुताबिक अभी तक देश में 9.97 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई जबकि पिछले साल इस समय तक 10.01 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। इसलिए रबी में मक्का का उत्पादन वर्ष 2008-09 के 53.9 लाख टन से कम रहने की संभावना है। लेकिन निर्यातकों की कमजोर मांग से तेजी की संभावना नहीं है। मार्च महीने में रबी मक्का की आवक शुरू हो जाएगी।बात पते की..निर्यातकों की कमजोर मांग से तेजी की संभावना नहीं है। मार्च में रबी मक्का की आवक शुरू हो जाएगी। इससे भावों पर दबाव रहने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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