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25 फ़रवरी 2010

फ्लोर मिलों को 3 लाख टन और गेहूं

केंद्र सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 3.11 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का आवंटन किया है। अक्टूबर से मार्च तक ओएमएसएस के तहत उपभोक्ता उद्योगों (मुख्यत: फ्लोर मिलें) के लिए अब तक कुल 18.19 लाख टन गेहूं आवंटित किया जा चुका है। लेकिन अब उपभोक्ता उद्योग अगले एक महीने तक ही गेहूं की खरीद करेंगी क्योंकि इसके बाद नई फसल आ जाएगी। 18.19 लाख टन गेहूं में से अब तक सिर्फ 9.40 लाख टन गेहूं के लिए टेंडर भर गए हैं। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओएमएसएस में अतिरिक्त 3.11 लाख टन गेहूं का आवंटन किया गया है। इसमें महाराष्ट्र को 1.60 लाख टन, पंजाब को 1.35 लाख टन और गुजरात तथा छत्तीसगढ़ को आठ-आठ हजार टन गेहूं मिलेगा। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि इस समय हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में गेहूं का भंडार सीमित मात्रा में बचा हुआ है। उत्तर भारत में गेहूं की नई फसल आने में अभी करीब एक महीने का समय शेष है इसलिए इन राज्यो में अतिरिक्त गेहूं का आवंटन होना चाहिए था। महाराष्ट्र में गेहूं का आवंटन ज्यादा किया गया है जबकि महाराष्ट्र की मंडियों में नए गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है।उधर पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश और गुजरात में भी नए गेहूं की आवक शुरू होने से महाराष्ट्र की फ्लोर मिलों ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गेहूं का उठान कम कर दिया है। पहले केंद्र सरकार ने ओएमएसएस के तहत अक्टूबर से मार्च तक के लिए उपभोक्ता उद्योगों के लिए 10 लाख टन और राज्य सरकारों के लिए (फुटकर में उपभोक्ताओं को बेचने के उद्देश्य से) 20 लाख टन गेहूं आवंटित किया था। लेकिन गेहूं उठान में राज्यों की दिलचस्पी न होने से केंद्र ने राज्यों के कोटे से 5.18 लाख टन गेहूं पहले ही उपभोक्ता उद्योगों को आवंटित कर दिया था। अब 3.11 लाख टन और गेहूं उनके लिए आवंटित किया गया है। इस तरह कुल आवंटन 18.19 लाख टन हो गया है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार अभी तक उपभोक्ता उद्योगों ने निविदा के माध्यम से 9.40 लाख टन गेहूं की खरीद की है। जिन राज्यों में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से गेहूं की खरीद होनी है, वहां फ्लोर मिलों को 15 मार्च तक यह गेहूं मिलेगा। बाकी राज्यों में सरकारी गेहूं की बिक्री 31 मार्च तक होगी। उत्तर भारत में गेहूं की नई फसल आने में अभी करीब एक माह बाकी है लेकिन मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। वहां फ्लोर मिलें एफसीआई का गेहूं खरीद में ज्यादा रुचि नहीं ले रही हैं। ऐसे में कुल आवंटित गेहूं जारी होने की उम्मीद बहुत कम है। मध्य प्रदेश और गुजरात में नई फसल आने से दक्षिण भारत की मंडियों में पिछले एक सप्ताह में ही गेहूं की कीमतों में करीब 125 रुपये की गिरावट आकर बंगलुरूमें भाव 1425 रुपये प्रति `िंटल रह गए। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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