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26 फ़रवरी 2010

राहत पैकेज वापस होंगे, कृषि-खाद्यान्न पर जोर

नई दिल्ली। वित्त मंत्री ने आर्थिक मंदी से निपटने के लिए दिए गए राहत पैकेज को आंशिक तौर पर वापस लेने की घोषणा की है। इसी के साथ कृषि और सामाजिक क्षेत्र को मजबूत करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले पूरी दुनिया में आर्थिक सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। लेकिन राहत पैकेजों में वापसी खासतौर पर पेट्रोल, डीजल और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के एलान को विपक्ष ने पसंद नहीं किया और शोरगुल के बाद सदन से बाहर चले गए। कृषि पर खास जोर प्रणव मुखर्जी ने किसानों के लिए खाद पर पोषण आधारित सब्सिडी 1 अप्रैल से लागू करने की घोषणा करते हुए कृषि विकास पर खास जोर देने की बात कही। हरित क्रांति के विस्तार के लिए 400 करो़ड रूपए का प्रस्ताव रखा गया है, साथ ही 60 हजार दलहन-तेल बीज ग्राम बनाने की भी बात की है। उन्होंने किसानों के लिए कर्ज चुकाने की अवधि को छह माह बढ़ाकर जून 2010 तक कर दिया है, वहीं समय पर कर्ज चुकाने वालों को ब्याज में दो प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की है। इसके अलावा महिला किसानों को मजबूत करने के लिए सशक्तिकरण परियोजना शुरू की जाएगी। वित्तमंत्री ने आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए 1,73,552 करो़ड रूपए देने की बात की है। जून महीने से हर दिन बीस किलोमीटर स़डक बनाने के लक्ष्य को उन्होंने दोहराया है। आईआईएफसीएल बुनियादी ढांचे के लिए बैंकों को छह हजार करो़ड रूपए का कर्ज देगा। बिजली क्षेत्र के आवंटन में भी दोगुनी वृदि्ध की गई है।ग्रामीण विकासवित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी 2000 से अधिक आबादा वाली बस्तियों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने की घोषणा की है। ग्रामीण विकास के लिए 66,100 करो़ड रूपए का प्रावधान किया है। इंदिरा आवास योजना का आवंटन बढ़ाकर दस हजार करो़ड रूपए कर दिया गया है। इसी के साथ एक हजार करो़ड रूपए के आवंटन से राष्ट्रीय सामाजिक निधि के गठन का भी एलान किया है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास के लिए खर्च में 50 प्रतिशत वृदि्ध का प्रावधान किया है। इसी प्रकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का आवंटन बढ़ाकर 2600 करो़ड रूपए कर दिया है। वित्तमंत्री ने कहा कि 2010-11 में राजकोषीय घाटा जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद का 5।5 फीसदी रहने की उम्मीद है। मौजूदा वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए सरकार 25 हजार करो़ड रूपए जुटाएगी जिसे सामाजिक क्षेत्र में खर्च किया जाएगा। सामाजिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ाकर 1,37,674 करो़ड कर दिया गया है।टैक्स प्रस्ताव टैक्स भरने की प्रक्रिया सरल करने की दिशा में आयकर फॉर्म सरल-2 फिर से लाया जा रहा है। सभी वर्गो के लिए आयकर छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं है। बजट प्रस्ताव के मुताबिक 1.6 लाख तक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा लेकिन इससे ऊपर पांच लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत की दर से आयकर लगेगा। इसी प्रकार 5 से 8 लाख तक 20 फीसदी तथा आठ लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा। राहत पैकेज की आंशिक वापसी वैश्विक मंदी से निपटने के लिए सरकार ने कई क्षेत्रों को राहत पैकेज दिए थे, वित्तमंत्री ने उनमें से कई क्षेत्रों में आंशिक रूप से राहत पैकेज को वापस लेने की बात कही है। उत्पाद शुल्क में जो छूट दी गई थी, उसे अब वापस अपने पहले स्तर पर बहाल किया जा रहा है। पैट्रोलियम पदार्थो पर उत्पाद शुल्क में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है। वित्तमंत्री ने ब़डी कारों और बहुआयामी वाहनों पर भी उत्पाद शुल्क दो फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है। कच्चे तेल पर पांच प्रतिशत और डीजल पैट्रोल पर बुनियादी सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत बहाल की जा रही है। (खास खबर)

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