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13 अप्रैल 2010

एलएमई में कॉपर 20 माह के उच्च स्तर पर

अमेरिकी डॉलर कमजोर होने के कारण कॉपर के दाम लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में 20 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गए। इसके अलावा अन्य बेसमेटल्स में भी तेजी का रुख दिखाई दिया। दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता देश चीन में आयात बढ़ने और निवेश मांग में सुधार होने से कॉपर मजबूत हो गया।हालांकि यूरो के मुकाबले डॉलर की गिरावट थोड़ी घटने के कारण कॉपर के मूल्य में बाद में मामूली गिरावट दर्ज की गई। पिछले सप्ताह यूरो जोन के वित्तमंत्रियों में ग्रीस के लिए राहत पैकेज पर सहमति बनने के बाद जर्मनी के अधिकारियों की टिप्पणी के कारण डॉलर के मुकाबले यूरो थोड़ा कमजोर पड़ गया क्योंकि ग्रीस के हालात सुधरने में अनिश्चितता पैदा हो गई थी। एलएमई में तीन माह डिलीवरी कॉपर के दाम 8,043.75 डॉलर प्रति टन के स्तर पहुंच गया। यह मूल्य एक अगस्त 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। शुक्रवार को इसका भाव 7920 डॉलर प्रति टन रहा था। उधर अल्यूमीनियम की दुनिया में सबसे बड़ी निर्माता कंपनी युक्रू साल को बेहतर मुनाफा होने और इसका हाजिर बाजार समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) शुरू करने की योजनाएं बनने से इसमें भी तेजी का रुख दिखाई दिया। एलएमई में तीन माह डिलीवरी अल्यूमीनियम के दाम बढ़कर 2431 डॉलर प्रति टन हो गए। एक अगस्त 2008 के बाद का यह उच्च स्तर था। हालांकि बाद में इसकी थोड़ी गिरावट आई और भाव 2415 डॉलर रह गया। शुक्रवार को अल्यूमीनियम का भाव 2406 डॉलर प्रति टन रहा था। कारोबारियों के अनुसार विश्व भर में 20 लाख टन अल्यूमीनियम का सरप्लस स्टॉक होने का अनुमान है। अगर ईटीएफ में पचास फीसदी माल का भी स्टॉक किया जाता है तो इसकी बिक्री का दबाव घट जाएगा। उधर निकिल के भाव 25200 डॉलर से बढ़कर 25650 डॉलर प्रति टन हो गए। जबकि जिंक 2415 डॉलर पर स्थिर रहा। टिन 15 डॉलर घटकर 18725 डॉलर प्रति टन रह गया। लेड के दाम 2342 से घटकर 2330 डॉलर प्रति टन रह गए। (बिज़नस भास्कर)

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