कुल पेज दृश्य

15 अप्रैल 2010

अनाज भंडारण में होगी सहूलियत

किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदे जाने वाले गेहूं और चावल के भंडारण की समस्या को दूर करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अपनी भंडारण क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। निगम की योजना अगले डेढ़ साल में भंडारण क्षमता में 127।64 लाख टन का इजाफा करने की है। राज्यों के सहयोग से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत क्षमता का विस्तार किया जाएगा। प्राइवेट गोदाम मालिकों से एफसीआई सात साल का करार करगा। इस समय निगम की कुल भंडारण क्षमता 284.56 लाख टन है।एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खाद्यान्न की सरकारी खरीद में सबसे ज्यादा योगदान पंजाब और हरियाणा का रहता है, इसलिए इन राज्यों में भंडारण क्षमता ज्यादा बढ़ाई जाएगी। पंजाब में अगले 18 महीने में 71 लाख टन का क्षमता विस्तार किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने निविदा भी आमंत्रित करनी शुरू कर दी है। हरियाणा में भंडारण क्षमता में 39 लाख टन की बढ़ोतरी की जाएगी। इसी तरह भंडारण क्षमता जम्मू-कश्मीर में 3.6 लाख टन, तमिलनाडु में 3.2 लाख टन, बिहार में तीन लाख टन, झारखंड में 1.75 लाख टन, हिमाचल प्रदेश में 1.42 लाख टन, कर्नाटक में एक लाख टन और गुजरात में 45 हजार टन बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल को केंद्रीय पूल में 161.25 लाख टन गेहूं और 267.13 लाख टन चावल का स्टॉक बचा हुआ था। इस तरह कुल खाद्यान्न स्टॉक 428.38 लाख टन का है। विपणन यानी मार्केटिंग सीजन 2010-11 के लिए गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है तथा चालू सीजन में 262.67 लाख टन खरीद का लक्ष्य है। पिछले साल यह 253.82 लाख टन था।चालू सीजन में प्राइवेट कंपनियां गेहूं की खरीद में रुचि नहीं ले रही हैं तथा फ्लोर मिलर्स ने भी अभी स्टॉक के लिए खरीद शुरू नहीं की है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि एफसीआई के पास तय लक्ष्य से भी ज्यादा गेहूं आ सकता है। पहली अप्रैल से अभी तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है।प्राइवेट गोदाम मालिकों से होगा त्त साल का करार पीपीपी मॉडल के जरिए अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एफसीआई द्वारा प्राइवेट गोदाम मालिकों से सात साल का करार किया जाएगा। पंजाब सरकार ने इसके लिए निविदा मंगानी शुरू भी कर दी है। अन्य प्रदेशों में भी राज्य सरकारों द्वारा जल्द ही निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इससे प्राइवेट गोदाम मालिकों को लंबी अवधि के लिए आय प्राप्ति का बेहतर अवसर मिलेगा। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

कोई टिप्पणी नहीं: