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21 अप्रैल 2010

रबी सीजन की सप्लाई बढ़ने से प्याज सस्ता

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान में प्याज की नई सप्लाई होने से इसकी कीमत में और गिरावट आ गई है। कारोबारियों का कहना है कि इन राज्यों में उत्पादन अधिक होने के कारण आगे इसके मूल्योंे में सुस्ती जारी रहने के आसार हैं। राष्ट्रीय राजधानी की फल एवं सब्जी मंडी आजादपुर स्थित पीएम ऑनियन कंपनी के मालिक पी। एम. शर्मा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि नासिक, नीमच, मंदसौर, भावनगर, महुआ, सीकर लाइन से रबी सीजन वाली प्याज की नई सप्लाई बढ़ने से इसके दाम 100 से 150 रुपये क्विंटल घटकर 400-780 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की नासिक मंडी में प्याज के भाव 100 रुपये घटकर 400-550 रुपये प्रति क्विंटल पर रह गए है। शर्मा का कहना है कि मंडी में इन दिनों 150 ट्रकों की सप्लाई हो रही है। पिछले दस दिनों में इसमें 20-30 ट्रकों का इजाफा हुआ है। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसके मूल्यों और नरमी आ सकती है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान विकास फाउंडेशन के निदेशक आर. पी. गुप्ता के अनुसार इस बार रबी सीजन के दौरान प्याज की फसल काफी अच्छी है। इस वजह से पैदावार अधिक होने का अनुमान है। उनके मुताबिक पिछले साल प्याज के दाम अधिक मिलने की वजह से मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में किसानों ने प्याज की रोपाई अधिक की है। ऐसे में आने वाले दिनोंे में इसाके मूल्यों में और नरमी की संभावना है। पी.एम. शर्मा का कहना है कि आगे प्याज की थोक कीमतों में 30- 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है। नासिक में इसके दाम 400-450 रुपये प्रति क्विंटल रहने की संभावना है। उधर, चालू माह में प्याज का निर्यात बढ़ने की संभावना है। इसकी वजह अप्रैल के न्यूनतम निर्यात मूल्य में कमी करना है। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) ने अप्रैल माह के लिए एमईपी को 400-405 डॉलर से घटाकर 250-255 डॉलर प्रति टन कर दिया था। इस वजह से निर्यात बढ़ने की संभावना है। नेफेड के अधिकारी का कहना है कि 15 अप्रैल तक एजेंसियो से प्राप्त जानकारी के अनुसार 75 हजार टन प्याज निर्यात हो चुका है। उक्त अधिकारी के मुताबिक अप्रैल के दौरान प्याज का निर्यात दो लाख टन जा सकता है। पिछले माह करीब 1.5 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ था। (बिज़नस बह्स्कर)

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