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22 अप्रैल 2010

गेहूं पर नहीं पड़ेगी मौसम की मार

चंडीगढ़ April 21, 2010
पंजाब और हरियाणा में इस साल गेहूं कटाई के मौसम में तापमान भले ही सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ गया हो, लेकिन गेहूं की कुल पैदावार पर इसका कोई खास असर पड़ने की संभावना कम ही है।
कटाई का काम पूरा होने के बाद कुल उत्पादन का आंकड़ा उपलब्ध होता है, मगर दोनों राज्यों के कृषि विभागों के पास मौजूद आंकड़ों से यह बात जाहिर होती है कि मौसम के असर को लेकर बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।
हरियाणा के कृषि विभाग का अनुमान है कि बढ़ते तापमान का उत्पादन पर आंशिक असर होगा। इससे पहले मार्च और अप्रैल में सामान्य से काफी ज्यादा तापमान की वजह से गेहूं की फसल और कुल उत्पादन प्रभावित होने के कयास लगाए जा रहे थे।
वरिष्ठ कृषि अधिकारियों के मुताबिक राज्य में बढ़ता तापमान मामूली रूप से उत्पादन को प्रभावित करेगा, पर इस बार गेहूं के रकबे में बढ़ोतरी के कारण बहुत ज्यादा असर होने की उम्मीद नहीं है। कृषि अधिकारियों के मुताबिक राज्य में इस साल गेहूं का रकबा पिछले साल के 24.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 24.7 लाख हेक्टेयर हो गया है।
ज्यादा रकबे से बढ़ते तापमान के फसल पर असर की भरपाई में मदद मिलेगी और राज्य के कृषि विभाग की तरफ से अनुमानित उत्पादन के आकड़ों को छूना मुमकिन होगा। अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में राज्य के विभिन्न जिलों के कृषि अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी जिसमें अलग-अलग जिलों से गेहूं के उत्पादन का जायजा लिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक कुछ जिलों में जहां ज्यादा गर्मी का असर फसल पर देखने को मिल सकता है, वहीं कई इलाकों में इस बार उत्पादकता में बढ़ोतरी की उम्मीद है। जिन इलाकों में गेहूं की बुआई देरी से हुई थी वहां बढ़ते तापमान का असर दिखाई दे सकता है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के दौरान ज्यादातर समय तापमान सामान्य से ज्यादा बना रहा था।
19 अप्रैल 2010 तक हरियाणा की मंडियों में 51.27 लाख टन गेहूं पहुंच चुका था। पिछले साल इस समय तक मंडियों में 46.28 लाख टन गेहूं की आपूर्ति हुई थी। करनाल के गेहूं शोध संस्थान के प्रमुख डॉ. एस एस सिंह ने गेहूं की पैदावार पर तापमान के असर से इंकार किया है। देश के कई इलाकों में रकबे में बढ़ोतरी की वजह से देश का गेहूं उत्पादन 820 लाख टन तक जाने की उम्मीद थी।
मौजूदा खरीदारी सत्र में पंजाब में गेहूं की कुल आपूर्ति पिछले साल के 110 लाख टन के मुकाबले 115 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। 13 अप्रैल के बाद से मंडियों में आवक में तेजी देखने को मिली और 19 अप्रैल तक आवक पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी ज्यादा रही।
आंकड़ों के मुताबिक 19 अप्रैल तक राज्य में विभिन्न मंडियों में 69.02 लाख टन गेहूं की आपूर्ति हो चुकी थी। पिछले साल इसी तारीख को गेहूं की आपूर्ति 64.37 लाख टन रही थी। पिछले साल की तरह इस साल भी सबसे ज्यादा खरीदारी सरकारी एजेंसियों की तरफ से की गई है। कुल आपूर्ति में से 68.90 लाख टन गेहूं सरकारी एजेंसियों ने खरीदा है।
पंजाब, हरियाणा में मामूली घटेगा गेहूं का उत्पादन
राज्य में गेहूं के रकबे में हुई बढ़ोतरी पंजाब में गेहूं की आपूर्ति पिछले साल के 110 लाख टन के मुकाबले 115 लाख टन रहने का अनुमानसरकारी एजेंसियों ने इस साल भी की ज्यादा फसल की खरीदारी फसल पर तापमान का असर ज्यादा नहीं (बीएस हिंदी)

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