कुल पेज दृश्य

28 मई 2010

धान का एमएसपी 50 रुपये बढ़ने की संभावना

धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 50 रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के एक वष्ठि अधिकारी के अनुसार खरीफ विपणन सीजन 2010-11 के लिए सामान्य धान का एमएसपी 950 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये और ए-ग्रेड धान का एमएसपी 980 रुपये से बढ़ाकर 1,030 रुपये प्रति `िंटल किया जा सकता है। कृषि सचिव पी. के. बसु ने बिजनेस भास्कर को बताया कि खरीफ फसलों के एमएसपी जून महीने के मध्य में घोषित किए जा सकते हैं। इससे किसानों को फसलों की बुवाई के बार में फैसला करने में मदद मिलेगी। पिछले साल खरीफ फसलों का एमएसपी अगस्त के अंतिम पखवाड़े में घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में मौसम अनुकूल रहा तो देश में चावल का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। वर्ष 2008-09 में देश में चावल का 893.1 लाख टन का उत्पादन हुआ था जो वर्ष 2008-09 के 991.8 लाख टन से कम था। पिछले साल खरीफ सीजन में मौसम प्रतिकूल होने के कारण उत्पादन में कमी आई थी। बसु ने बताया कि देश में बीज, खाद और कीटनाशक दवाओं की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। किसानों को इनकी कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा सरकार 2010 में दलहन, तिलहन और धान के प्रति हैक्टेयर पैदावार में बढ़ोतरी के लिए किसानों को उच्च क्वालिटी के बीज उपलब्ध करा रही है। चालू खरीफ सीजन में अभी तक धान की बुवाई 3.14 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। इसके अलावा दलहनों की बुवाई 0.467 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि के 0.255 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। गन्ने की बुवाई भी पिछले साल के 38.38 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 42.85 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में खपत के मुकाबले दलहन और तिलहनों के उत्पादन में कमी के कारण ही हमें अपनी जरूरत की आवश्यकताओं के लिए भारी मात्रा में आयात करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सरकार दलहन और तिलहनों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है तथा अगले साल दलहनों का उत्पादन बढ़ाकर 150 लाख टन करने का लक्ष्य है। कृषि मंत्रालय जारी तीसर अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में देश में दलहनों का उत्पादन 147.7 लाख टन होने का अनुमान है। बसु ने बताया कि पिछले दो साल से देश में चीनी के उत्पादन का अनुमान सही नहीं लग पाया था। इसीलिए सरकार इस बार फसल संबंधी आंकड़े जुटाने के लिए काफी गंभीर प्रयास कर रही है और इसके लिए राज्यों से बराबर संपर्क में है।बात पते कीखरीद सीजन के लिए बीज, खाद और कीटनाशक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी। दलहन, तिलहन और धान की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को उच्च क्वालिटी के बीज दिए जाएंगे। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

कोई टिप्पणी नहीं: