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05 मई 2010

काली मिर्च की तेजी टिकने की उम्मीद नहीं

काली मिर्च में निर्यातकों की मांग कमजोर है लेकिन स्टॉकिस्टों की खरीद से वायदा और हाजिर बाजार में कीमतों में तेजी आ गई है। पिछले दस-बारह दिनों में कालीमिर्च के दाम हाजिर में 9 फीसदी और वायदा में 10।7 फीसदी बढ़ चुके हैं। कोच्चि में एमजी-वन `ालिटी के भाव बढ़कर करीब 16,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के मुकाबले वितयनाम की काली मिर्च का दाम काफी कम है। ऐसे में काली मिर्च की तेजी टिकने की संभावना नहीं है। बंगलुरू के काल मिर्च निर्यातक अनीश रावथर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय काली मिर्च का दाम 3700-3800 डॉलर प्रति टन चल रहा है। जबकि वियतनाम की बिकवाली 3050-3100 डॉलर प्रति टन की दर से बिक रही है। इसीलिए भारत से निर्यात मांग काफी कम बनी हुई है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2009-10 के (अप्रैल से फरवरी) के दौरान निर्यात में 23 फीसदी की कमी आई है।इस दौरान कुल निर्यात घटकर 17,760 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 23,100 टन का निर्यात हुआ था। फरवरी के दौरान इसका निर्यात 1,510 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी में 1,550 टन का निर्यात हुआ था। रावथर ने बताया कि वियतनाम में काली मिर्च का उत्पादन 90 हजार टन होने का अनुमान है जो पहले के अनुमान एक लाख टन से कम है। लेकिन भारत के मुकाबले वियतनाम की बिकवाली काफी कम भाव पर आ रही है। आगामी दिनों में इंडोनेशिया और ब्राजील में नई फसल आ जाएगी। ऐसे में घरलू बाजार में काली मिर्च की कीमतों में कभी भी गिरावट आ सकती है। वायदा बाजार में पिछले बारह दिनों में काली मिर्च के दाम 10.7 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। हालांकि मंगलवार को एनसीडीईएक्स में काली मार्च मई वायदा थोड़ा घटकर 16717 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। जबकि 19 अप्रैल को भाव 15,211 रुपये प्रति `िंटल थे। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि वायदा में स्टॉकिस्टों की भारी खरीद से कीमतों में तेजी आई है इसी का असर हाजिर बाजार पर पड़ा है। वायदा बाजार में निवेशकों की मुनाफावसली से कीमतों में गिरावट आ सकती है। केदरानाथ संस के डायरक्टर अजय अग्रवाल ने बताया कि पिछले बारह दिनों में नीलामी केंद्रों पर एमजी वन काली मिर्च की कीमतों में 1300 रुपये की तेजी आकर भाव 16,200 रुपये प्रति `िंटल हो गए। उद्योग सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में घरलू पैदावार पिछले साल के 45,000 टन से घटकर 40,000 टन होने का अनुमान है। उधर इंटरनेशनल पीपर कम्युनिटी (आईपीसी) के अनुसार भारत में उत्पादन 50 हजार टन होने का अनुमान है। आईपीसी के अनुसार विश्व में काली मिर्च का कुल उत्पादन 2008 के 2,59,000 टन से बढ़कर 2,71,000 टन होने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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