कुल पेज दृश्य

26 मई 2010

यूरो क्षेत्र के संकट से जिंस बाजार में चौतरफा मंदी

लंदन/मुंबई May 25, 2010
तांबे सहित सभी जिंसों और औद्योगिक कीमती धातुओं में मंगलवार को तेज गिरावट देखी गई। इसकी प्रमुख वजह यूरो क्षेत्र का ऋण संकट है। यूरोप संकट ने विकास दर से संबंधित चिंताएं बढ़ा दी हैं।
कर्ज के संकट की वजह से हर क्षेत्र पर असर पड़ा। येन के मुकाबले यूरो 8.5 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं वैश्विक इक्विटी बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई। डॉलर के हिसाब से बैंकों की उधारी लागत बढ़ गई।
जिंस बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरक र 68 डॉलर से नीचे पहुंच गईं। तांबे में 3 प्रतिशत की गिरावट आई। प्लैटिनम और पैलेडियम की कीमतें फरवरी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गईं। निवेशकों को भय है कि आर्थिक सुधार पर अब दबाव बढ़ गया है।
लंदन की आर्मस्ट्रांग इनवेस्टमेंट मैनेजर्स के मैनेजिंग पार्टनर पैट्रिक आर्मस्ट्रांग ने कहा, 'यह सब कुछ यूरो के आसपास चल रहा है, यूरो क्षेत्र में जोखिम बढ़ा है।' उन्होंने कहा कि अब वे सोने और चांदी में पोजिशन ले रहे हैं।
यूनान और कुछ और यूरो जोन की अर्थव्यवस्थाओं के लिए 10 खरब डॉलर केराहत पैकेज का खास असर नहीं पड़ा। निवेशकों ने यूरो पर हमला जारी रखा है, जिसकी वजह से सुरक्षित समझी जा रही संपत्तियों, डॉलर, येन और सोने के दाम में तेज बढ़ोतरी जारी है।
आर्मस्ट्रांग ने अमेरिका के कोषागार पर भी चिंता जताई है। उसका कहना है कि ब्याज दरें अप्रैल 2009 के बाद से उच्चतम स्तर पर चली गई हैं। इसकी वजह से विकास को लेकर चिंता बढ़ी है। अमेरिका, दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है।
उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि अगला धमाका अमेरिका में हो सकता है। अब अमेरिका ज्यादा सुरक्षित नहीं रहा, क्योंकि उसका वित्तीय घाटा 10 प्रतिशत है और 2014 तक कर्ज और जीडीपी का अनुपात उस स्तर पर पहुंच जाएगा, जिस स्तर पर इस समय यूनान है।'
भारत में भी औद्योगिक जिंसों के वायदा बाजार में मंदी का रुख रहा। वैश्विक बाजारों में कमजोर संकेतों से कारोबारियों द्वारा उठाव कम किए जाने से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में तांबा वायदा में 2.60 रुपये अथवा 0.80 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई।
नवंबर सौदा 2.60 रुपये अथवा 0.80 फीसदी की गिरावट के साथ 321.70 रुपये प्रति किलो पर आ गया। इसमें 22,549 लॉट के लिए कारोबार हुआ। अगस्त सौदा 2.50 रुपये अथवा 0.77 फीसदी की गिरावट के साथ 323.60 रुपये प्रति किलो पर आ गया। इसमें 3,261 लाट के लिए कारोबार हुआ।
निकल वायदा का मई सौदा 13 रुपये अथवा 1.25 फीसदी की गिरावट के साथ 1,026.10 रुपये प्रति किलो पर आ गया। इसमें 9,234 लॉट के लिए कारोबार हुआ। जून सौदा भी 12.20 रुपये अथवा 1.17 फीसदी की गिरावट के साथ 1,027.50 रुपये प्रति किलो पर आ गया। इसमें 2,976 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
एमसीएक्स में सीसा वायदा का मई सौदा 1.15 रुपये अथवा 1.35 फीसदी की गिरावट के साथ 83.75 रुपये प्रति किलो पर आ गया। इसमें 6,587 लॉट के लिए कारोबार हुआ। जून सौदा 1.05 रुपये अथवा 1.22 फीसदी की गिरावट के साथ 84.85 रुपये प्रति किलो पर आ गया। इसमें 2,788 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
सोने में चमक जारी
जब निवेश के अन्य विकल्प असुरक्षित हो रहे हैं, सोने की चमक बढ़ रही है। निवेशक इसे सुरक्षा के लिहाज से स्वर्ग मान रहे हैं। कॉमर्जबैंक ने अपने ग्राहकों को लिखे एक नोट में कहा है, 'कीमतों में इस तेजी को सोने की बढ़ती मांग के रूप में व्यक्त किया जा सकता है कि यह निवेशकों के लिए स्वर्ग की तरह सुरक्षित है। यूरो क्षेत्र के ऋण संकट से तेजी को और बल मिल रहा है।'
हाजिर बाजार में सोने की कीमतें 1189.30 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं, जो पिछले सप्ताह के 4.4 प्रतिशत की गिरावट के बाद की 1 प्रतिशत की तेजी के साथ ऊपर चल रहा है। हाल में इसकी कीमतें 1248.95 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर चली गई थीं।
वहीं कारोबारियों द्वारा अपना स्टॉक बढ़ाए जाने के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में आज सोना वायदा में 122 रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एमसीएक्स में सोना वायदा का अक्टूबर सौदा 122 रुपये अथवा 0.67 फीसदी के सुधार के साथ 18,409 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसमें 560 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
इसी प्रकार इसका जून सौदा भी 144 रुपये अथवा 0.63 फीसदी की तेजी के साथ 18,279 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसमें 13,978 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
कच्चा तेल लुढ़का
तेल 68 डॉलर प्रति बैरल के नीचे चला गया। निवेशक इसे जोखिम भरी संपत्ति मान रहे हैं, क्योंकि शेयर बाजारों में वैश्विक गिरावट है। इसकी कीमतें 8 महीने के निचले स्तर पर चली गई हैं।
अमेरिकी क्रूड 2.36 डॉलर गिरकर 67.86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि इसके पहले के तीन सत्र में 70 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर पर था। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 2.36 डॉलर गिरकर 68.81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं।
वैश्विक गिरावट का असर भारत में भी देखा गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल वायदा का सितंबर सौदा 36 रुपये अथवा 1.03 फीसदी की गिरावट के साथ 3,472 रुपये प्रति बैरल पर आ गया। इसमें 256 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
इसी प्रकार इसका जून सौदा 16 रुपये अथवा 0।48 फीसदी की गिरावट के साथ 3,283 रुपये प्रति बैरल पर आ गया। इसमें 25,966 लॉट के लिए कारोबार हुआ। (बीएस हिंदी)

कोई टिप्पणी नहीं: