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08 मई 2010

हल्दी के भाव रिकॉर्ड स्तर पर

निर्यातकों के साथ ही मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से पिछले एक महीने में हल्दी के दाम 39 फीसदी बढ़ चुके हैं। एनसीडीईएक्स पर मई महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी के दाम बढ़कर 15,000 रुपये प्रति `िंटल के करीब आ गए। निजामाबाद मंडी में इसके दाम 15,800 रुपये और इरोड में 17,000 रुपये प्रति `िंटल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा होने की संभावना है। लेकिन निर्यातकों, स्टॉकिस्टों और मसाला निर्माताओं की मांग से आगामी दिनों में तेजी के ही आसार हैं। हालांकि ऊंचे दाम पर मुनाफावसूली आने से आंशिक गिरावट आ सकती है। निजामाबाद मंडी स्थित मैसर्स मनसाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनम चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि निर्यातकों, स्टॉकिस्टों और मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से हल्दी के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। निजामाबाद मंडी में भाव बढ़कर 15,800 रुपये और इरोड में बढ़कर 17,000 रुपये प्रति `िंटल हो गए। पिछले साल निजामाबाद मंडी में हल्दी का भाव ऊपर में 14,100 रुपये और इरोड में 14,800 रुपये प्रति `िंटल हो गया था।इस समय उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक करीब 25 हजार बोरी की हो रही है। निजामाबाद मंडी में हल्दी का स्टॉक 1।50 लाख बोरी और इरोड में करीब 12 लाख बोरी का हो चुका है। उन्होंने बताया कि हल्दी का भविष्य तो तेजी का ही है। लेकिन दाम काफी बढ़ चुके हैं ऐसे में निवेशकों की मुनाफावसूली से आंशिक गिरावट आने के आसार हैं। टरमरिक मर्चेट्स एसोसिएशन के सदस्य एस. सी. गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार 48 लाख बोरी (प्रति बोरी 70 किलो) होने का अनुमान है जो पिछले साल के मुकाबले पांच लाख बोरी ज्यादा है। पिछले साल देश में हल्दी का कुल उत्पादन 43 लाख बोरी का हुआ था। चालू सीजन में नई फसल के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक करीब तीन लाख बोरी का बचा हुआ था। ऐसे में हल्दी की कुल उपलब्धता 51 लाख बोरी बैठने का अनुमान है। जबकि घरलू और निर्यात मांग को मिलाकर सालाना खपत 46-47 लाख बोरी की होती है। चूंकि पिछले साल उत्पादकों ने हल्दी ऊंचे दाम देखे थे वैसे भी आगामी सीजन में नई फसल के समय बकाया स्टॉक मात्र चार-पांच लाख बोरी का ही बचने की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2009-10 के अप्रैल से फरवरी के दौरान हल्दी के निर्यात मे छह फीसदी की कमी आई है।इस दौरान कुल 46,000 टन का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 48,850 टन का निर्यात हुआ था। मार्च-अप्रैल में निर्यातकों की मांग में बढ़ोतरी हुई है। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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