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10 मई 2010

अगले तीन माह लाल मार्च में सुस्ती के आसार

पैदावार में बढ़ोतरी और निर्यात मांग कमजोर होने से पिछले दस दिनों में लाल मिर्च की कीमतों में करीब नौ फीसदी की गिरावट आ चुकी है। गुंटूर में लाल मिर्च का स्टॉक बढ़कर करीब 50 लाख बोरी (प्रति बोरी 40 किलो) से ज्यादा हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 78 फीसदी ज्यादा है। लाल मिर्च का उत्पादन लगभग 28 फीसदी बढ़कर 1।60 करोड़ बोरी होने का अनुमान है। पैदावार में बढ़ोतरी होने और वेयर हाउसों में स्टॉक ज्यादा होने से स्टॉकिस्टों की बिकवाली बराबर बनी हुई है जबकि निर्यातकों की मांग कमजोर है। ऐसे में मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। प्रमुख मंडी गुंटूर में लाल मिर्च का स्टॉक बढ़कर लगभग 50 लाख बोरी का हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के 28 लाख बोरी के मुकाबले 78 फीसदी ज्यादा है। चालू सीजन में लाल मिर्च की पैदावार पिछले साल के 1.25 करोड़ बोरी के मुकाबले बढ़कर 1.60 करोड़ बोरी होने का अनुमान है। जबकि गुंटूर में अभी तक दैनिक आवक 60-70 हजार बोरी की हो रही थी। लेकिन गर्मियों की छुट्टियों के कारण आगामी छह जून तक मंडी बंद रहेगी। लेकिन इसके बावजूद लाल मिर्च की मौजूदा कीमतों में मंदे की ही संभावना है। हाजिर बाजार में पिछले दस दिनों में इसकी कीमतें करीब 500 रुपये प्रति `िंटल तक घट चुकी हैं। सात मई को गुंटूर में तेजा क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव घटकर 5300-5400 रुपये, 334 `ालिटी की लाल मिर्च के भाव 3700-4200 रुपये, ब्याडगी `ालिटी के भाव 4500-4700 रुपये, सनम `ालिटी की लाल मिर्च के भाव 4200-4300 रुपये रह गए। इस दौरान फटकी `ालिटी के भाव घटकर 1500-2500 रुपये प्रति `िंटल रह गए। इस समय बंगलादेश और श्रीलंका के आयातक तो खरीद रहे हैं लेकिन अन्य देशों से मांग नहीं निकल रही है। घरलू पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना से विदेशी आयातकों ने नए आयात सौदे पहले की तुलना में कम कर दिए हैं। इसके अलावा रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर होने का असर भी निर्यात पर पड़ रहा है। माना जा रहा है कि जुलाई-अगस्त में निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। उसके बाद ही कीमतों में सुधार की संभावना बनेगी। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2009-10 के पहले ग्यारह महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान लाल मिर्च के निर्यात में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल से फरवरी के दौरान कुल निर्यात 1.74 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1.70 लाख टन लालमिर्च का निर्यात हुआ था। वायदा बाजार में पिछले एक महीने में लाल मिर्च की कीमतों में करीब 9.4 फीसदी का मंदा आया है। एनसीडीईएक्स पर जून महीने के वायदा अनुबंध के सात अप्रैल को भाव 4,919 रुपये प्रति `िंटल था, जो शनिवार को घटकर 4,455 रुपये प्रति `िंटल रह गया। हाजिर में कीमतें घटने का असर वायदा बाजार पर भी पड़ रहा है।rana@businessbhaskar.netबात पते कीजुलाई-अगस्त में निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। उसके बाद ही कीमतों में सुधार की संभावना बनेगी। फिलहाल भारी स्टॉक और बेहतर पैदावार की संभावना से गिरावट का रुख जारी रह सकती है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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