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21 जून 2010

सस्ता खाद्यान्न उठाने में भी राज्यों की रुचि नहीं

सस्ता खाद्यान्न उठाने में भी राज्य सरकारें रुचि नहीं ले रही हैं। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत उपभोक्ताओं को 845 रुपये प्रति `िंटल की दर से गेहूं और 1,185 रुपये प्रति `िंटल की दर से चावल आवंटित करने के लिए 30 लाख टन खाद्यान्न का अतिरिक्त आवंटन किया था। लेकिन चालू महीने में इसमें से अभी तक मात्र सात लाख टन चावल और तीन लाख टन गेहूं का ही उठाव हो पाया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारें फंड और मशीनरी की कमी का हवाला दे रही है। अभी तक केरल, कर्नाटक और नागालैंड राज्यों ने उठाव में कुछ दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने बताया कि अगस्त के बाद गेहूं और चावल के उठाव में तेजी आने की संभावना है। क्योंकि गेहूं और चावल की बिक्री का भाव खुले बाजार के भाव से काफी कम है। इसलिए राज्यों द्वारा गेहूं और चावल का उठाव ज्यादा मात्रा में किए जाने की संभावना है। अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में 30 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन करने का निर्णय लिया गया था। उक्त खाद्यान्न का उठाव राज्यों को जून से नवंबर के दौरान करना है। इसमें 16।86 लाख टन गेहूं और 13.79 लाख टन चावल है, जोकि राज्य सरकारों द्वारा पीडीएस के तहत रार्शन कार्ड धारकों को एक जून से 30 नवंबर तक दिया जाना है। उधर खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बड़े उपभोक्ताओं के लिए केंद्र सरकार ने (अक्टूबर-09 से जून-10) के दौरान राज्यों को 20.81 लाख टन गेहूं का आवंटन किया था। इसमें से अभी तक 12.26 लाख टन गेहूं की उठाव हो पाया है। इस समय फ्लोर मिलर के साथ ही स्टॉकिस्टों के पास भी गेहूं का स्टॉक है इसलिए इस समय उठाव कम हो रहा है। आगामी महीनों में इसके उठाव में भी तेजी आने की संभावना है। केंद्र सरकार ने ओएमएसएस के तहत बेचे जाने वाले गेहूं की समयअवधि को जून से बढ़ाकर 30 सितंबर-10 करने का फैसला कर लिया है। आगामी सप्ताह में इसकी अधिकारिक घोषणा होने की संभावना है। पहली जून को केंद्र सरकार ने पास 351.62 लाख टन गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक बचा हुआ है।बात पते कीमहंगाई आसमान छू रही है, लेकिन आम लोगों को राहत पहुंचाने मंे राज्यों की कितनी दिलचस्पी है इसका पता उनके इस रुख से ही चल जाता है। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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