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15 जून 2010

सरकारी मूल्य खुले बाजार के गेहूं के लिए बना बेंचमार्क

सरकार की खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं बिक्री का मूल्य नई फसल की सप्लाई पूरी होने के बाद बेंचमार्क का काम कर रहे हैं। बाजार में गेहूं की सप्लाई धीमी पड़ते ही गेहूं के दाम बढ़ने लगे हैं और पिछले एक महीने में कीमतें करीब 10 फीसदी तक बढ़ चुकी है। दिल्ली में सोमवार को गेहूं का थोक भाव बढ़कर 1,250-1,260 रुपये प्रति `िंटल हो गया। जबकि दिल्ली में गेहूं का सरकारी बिक्री मूल्य 1254 रुपये प्रति क्विंटल है। गौरतलब है कि केंद्रीय पूल में एक जून को गेहूं का 351.62 लाख टन का बंपर स्टॉक होने के बावजूद दाम बढ़ रहे हैं। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि सरकार की नीतियों के कारण खुले बाजार में गेहूं के दाम बढ़ रहे हैं। एफसीआई का ओएमएसएस के तहत दिल्ली में गेहूं का बिक्री भाव 1,254 रुपये प्रति `िंटल है। इसमें परिवहन और अन्य मिलाकर करीब 35-40 रुपये का खर्चा पड़ता है। इसलिए मिल पहुंच गेहूं के भाव करीब 1,289-1,294 रुपये प्रति `िंटल पड़ रहे हैं। सरकारी गेहूं महंगा होने के कारण खुले बाजार में पिछले करीब एक महीने में गेहूं के दाम करीब 110-115 रुपये प्रति `िंटल तक बढ़ चुके हैं। उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी इस दौरान गेहूं की कीमतों में करीब 100-110 रुपये प्रति `िंटल बढ़कर भाव 1,180- 1,200 रुपये प्रति `िंटल हो गए। दिल्ली में गेहूं की दैनिक आवक करीब 13-14 हजार बोरियों की हो रही है। इस समय दिल्ली में कुल आवक का 90 फीसदी गेहूं उत्तर प्रदेश की मंडियों से ही आ रहा है। केंद्रीय पूल में इस समय गेहूं का स्टॉक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 6.2 फीसदी ज्यादा है। चालू विपणन सीजन में एफसीआई एमएसपी पर 224.78 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 242.41 लाख टन से कम है। शर्मा के अनुसार अगर सरकार गेहूं के आयात पर शुल्क लगाती है तो इसकी कीमतों में और भी 50-100 रुपये प्रति `िंटल की तेजी आ जाएगी। अगर सरकार गेहूं की कीमतें कम करना चाहती है तो खुले बाजार बिक्री योजना में गेहूं का भाव कम रखना चाहिए। सरकार को खरीद मूल्य में परिवहन लागत जोड़कर तय करना चाहिए, इससे खुले बाजार में कीमतें घट जाएगी। उल्लेखनीय है कि सरकारी गेहूं बिक्री मूल्य पिछले साल नवंबर में तय किया गया था। नई फसल आने के बाद गेहूं के दाम घट गए थे लेकिन अब मंडियों में सप्लाई धीमी पड़ने से दाम फिर से बढ़ने लगे हैं और सरकारी बिक्री मूल्य बेंचमार्क का काम कर रहे हैं। बंगलुरू स्थित मैसर्स एस. एस. कॉमर्शियल कारपोरशन के मैनेजिंग डायरक्टर सुरेंद्र गोयल ने बताया कि दक्षिण भारत में पिछले एक महीने में गेहूं के दाम करीब 150 रुपये प्रति `िंटल बढ़ चुके हैं। बंगलुरूमें उत्तर प्रदेश के गेहूं का भाव बढ़कर 1,450-1,470 रुपये, राजस्थान का गेहूं 1,600 रुपये और मध्य प्रदेश का 1,550 रुपये प्रति `िंटल हो गया है। एफसीआई के गेहूं का बंगलुरू में बिक्री मूल्य 1,408 रुपये प्रति `िंटल है। इसमें मिल पहुंच करीब 50 रुपये का अतिरिक्त खर्चा जोड़ने के बाद भाव 1,458 रुपये प्रति `िंटल हो जाता है। दक्षिण भारत की कई मिलें ऑस्ट्रेलिया से गेहूं का आयात भी कर रही है। आयातित गेहूं का भाव भी 1450-1500 रुपये प्रति `िंटल पड़ता है लेकिन इसकी `ालिटी बढ़िया है। बात पते कीदिल्ली में गेहूं का थोक भाव बढ़कर 1,250-1,260 रुपये क्विंटल हो गया। जबकि सरकारी बिक्री मूल्य 1254 रुपये है। केंद्रीय पूल में 351.62 लाख टन के बंपर स्टॉक के बावजूद दाम बढ़ रहे हैं। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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