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21 जून 2010

कमोडिटी ट्रैकर

नीचे भाव में मांग निकलने से सरसों और सरसों तेल की कीमतों में हल्का सुधार आया है। जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन की सरसों का भाव बढ़कर 2,560 रुपये और सरसों तेल का भाव 470 रुपये प्रति दस किलो हो गया है। चालू सीजन में सरसों के उत्पादन में 8.4 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। लेकिन घरलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा होने से सरसों की क्रेसिंग अभी तक मात्र 18-20 फीसदी की हो पाई है। मानसून शुरू होने के बाद सरसों तेल में उठाव बढ़ जाता है। वैसे भी आगामी दिनों में त्यौहारी सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में आगामी दिनों में सरसों तेल की कीमतों में एक-डेढ़ रुपये प्रति किलो का सुधार आ सकता है।कृषि मंत्रालय के तीसर अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में देश में सरसों का उत्पादन 65.90 लाख टन होने का अनुमान है, जोकि वर्ष 2008-09 के 72.01 लाख टन से 6.11 लाख टन कम है। उधर सैंट्रल आर्गेनाईजर फार ऑयल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड (कोएट) के अनुसार सरसों का उत्पादन चालू सीजन में 63.2 लाख टन होने की संभावना है जोकि पिछले साल के 62 लाख टन से ज्यादा है। आयातित खाद्य तेल की उपलब्धता ज्यादा होने से चालू पेराई सीजन में सरसों की क्रेसिंग अभी तक मात्र 18-20 फीसदी ही हो पाई है। इसलिए अभी भी घरलू बाजार में सरसों का करीब 50-55 लाख टन का भारी स्टॉक बचा हुआ है। ऐसे में आगामी दिनों में खपत राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार और असम की मांग बढ़ने से सरसों तेल की कीमतों में एक-डेढ़ रुपये प्रति किलो का सुधार तो आ सकता है लेकिन भारी तेजी की संभावना नहीं है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के मुताबिक चालू तेल वर्ष के पहले सात महीनों (नवंबर-09 से मई-10) के दौरान भारत से सरसों खली का निर्यात 413,927 टन का ही हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस दौरान सरसों खली की कीमतों में भी करीब 21 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। नवंबर-09 के में सरसों खली का भाव 261 डॉलर प्रति टन था जोकि जून के पहले सप्ताह में घटकर 240 डॉलर प्रति टन रह गया। घरलू बाजार में भी सरसों खली का भाव एक अप्रैल को 11,000 रुपये प्रति टन था जबकि इस समय भाव 9,500 रुपये प्रति टन चल रहा है। मौसम विभाग चालू सीजन में अच्छे मानसून की भवष्यिवाणी कर रहा है। अगर मानसून सामान्य रहा तो आगामी दिनों में सरसों तेल में घरलू मांग तो बढ़ेगी। लेकिन सरसों का भरपूर स्टॉक होने से लंबी तेजी की संभावना नहीं है। मालूम हो कि सीजन के शुरू में एक मार्च को कंडीशन की सरसों का भाव 2,530 रुपये प्रति `िंटल था जबकि इस समय भाव 2,560 रुपये प्रति `िंटल है। ऐसे में स्टॉकिस्टों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हाजिर बाजार में कीमतों में आये सुधार से वायदा में भी सरसों की कीमतों में हल्की बढ़त आई है। जुलाई महीने के वायदा अनुबंध सरसों का भाव 12 जून को 518 रुपये प्रति 20 किलो था, जोकि शनिवार को बढ़कर 524 रुपये प्रति 20 किलो हो गया। rana@businessbhaskar.netबात पते कीमौसम विभाग चालू सीजन में अच्छे मानसून की भवष्यिवाणी कर रहा है। अगर मानसून सामान्य रहा तो आगामी दिनों में सरसों तेल में घरलू मांग तो बढ़ेगी। लेकिन सरसों का भरपूर स्टॉक होने से लंबी तेजी की संभावना नहीं है। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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