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28 जून 2010

बांग्लादेश व श्रीलंका से लाल मिर्च की निर्यात मांग बढ़ी

लाल मिर्च में बांग्लादेश और श्रीलंका की निर्यात मांग तो बढ़ रही है लेकिन स्टॉक ज्यादा होने से भाव पूर्व स्तर पर ही टिके हुए हैं। गुंटूर में लाल मिर्च का स्टॉक करीब 50 लाख बोरी (प्रति बोरी 40 किलो) का है जो पिछले साल के मुकाबले करीब दस लाख बोरी ज्यादा है। चीन में लाल मिर्च की फसल को नुकसान हुआ है। इसीलिए आगामी दिनों में भारत से निर्यात में और बढ़ोतरी की संभावना है। वैसे भी मानसून की देरी से मध्य प्रदेश में लाल मिर्च की बुवाई में तेजी नहीं आ पा रही है। ऐसे में आगामी दिनों में इसकी मौजूदा कीमतों में 300-400 रुपये प्रति `िंटल की तेजी आने की संभावना है। अशोक एंड कंपनी के अध्यक्ष अशोक दत्तानी ने बताया कि इस समय बांग्लादेश और श्रीलंका की निर्यात मांग बढ़ी है तथा मलेशिया की मांग भी बराबर आ रही है। उधर चीन में लाल मिर्च की फसल को नुकसान हुआ है। इसीलिए आगामी दिनों में भारत से निर्यात मांग में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल में लाल मिर्च के निर्यात में 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 19,750 टन का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल अप्रैल में 13,625 टन का ही निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2009-10 में भी निर्यात 23 फीसदी बढ़ा था। इस दौरान लाल मिर्च का कुल निर्यात 2।04 लाख टन का हुआ था जो वित्त वर्ष 2008-09 के 1.88 लाख टन से ज्यादा था। वित्त वर्ष 2009-10 में मलेशिया को 45,525 टन, श्रीलंका को 34,800 टन, बांग्लादेश को 28,175 टन, यूएई को 23,250 टन और अमेरिका को 17,750 टन का निर्यात हुआ है। वायदा बाजार में पिछले दस दिनों में लाल मिर्च की कीमतों में हल्की गिरावट आई है। एनसीडीईएक्स पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध का भाव 18 जून को 4,706 रुपये प्रति `िंटल था जो शनिवार को घटकर 4,641 रुपये प्रति `िंटल रह गया। लाल मिर्च व्यापारी मांगी लाल मुंदड़ा ने बताया कि गुंटूर में तेजा `ालिटी की लाल मिर्च के भाव 5900-6200 रुपये, 334 `ालिटी की लाल मिर्च के भाव 4400-4800 रुपये, ब्याडगी `ालिटी के भाव 6000-6100 रुपये, सनम `ालिटी के भाव 4700-4900 रुपये प्रति `िंटल चल रहा है। इस समय फटकी `ालिटी के भाव 2200-2600 रुपये प्रति `िंटल चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में लाल मिर्च की पैदावार पिछले साल के 1.25 करोड़ बोरी के मुकाबले बढ़कर 1.60 करोड़ बोरी होने का अनुमान है। उधर मध्य प्रदेश में मानसून की देरी से लाल मिर्च की बुवाई में तेजी नहीं आ पा रही है, अगर बारिश में और देरी हुई तो मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना है।बात पते कीचालू वित्त वर्ष के अप्रैल में लाल मिर्च के निर्यात में 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 19,750 टन का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल अप्रैल में 13,625 टन का ही निर्यात हुआ था। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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