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30 जुलाई 2010

उपलब्धता बढऩे से सस्ती हो सकती हैं दालें

आयात बढऩे के साथ ही घरेलू फसल आने से दालों की ऊंची कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत मिलने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक कंपनियों ने अभी तक 2.35 लाख टन दलहन के आयात सौदे किए हैं। आयातित दालों के दाम पिछले चार महीने में करीब 100 से 350 डॉलर प्रति टन तक घट चुके हैं। घरेलू बाजार में मूंग की आवक शुरू हो चुकी है आगामी दिनों में उड़द की फसल आ जाएगी। इसलिए दालों की फुटकर कीमतें आगामी दिनों में घट जाएगी। सूत्रों के अनुसार चालू वित्त में सार्वजनिक कंपनियों एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी और नेफेड ने 2.35 लाख टन दलहन के आयात सौदे किए हैं तथा इसमें से केवल 61 हजार दालें ही अभी भारतीय बंदरगाह पर पहुंची है। आगामी दिनों में बाकि बची हुई 1.74 लाख टन दालें पहुंच जाएंगी। वैसे भी पिछले तीन महीने में चूंकि आयातित दालों की कीमतों में करीब 100 से 350 डॉलर प्रति टन की गिरावट आ चुकी है इसीलिए सार्वजनिक कंपनियों के साथ ही प्राइवेट कंपनियों के आयात सौदों में तेजी की उम्मीद है। अभी तक हुए कुल आयात सौदों में पीईसी की भागीदारी 70 फीसदी है। पीईसी ने 1.63 लाख टन के आयात सौदे किए हैं तथा इसमें 49,051 हजार टन दालें ही भारत पहुंची है। एमएमटीसी ने 29 हजार टन, नेफेड ने 27 हजार टन और एसटीसी ने 16 हजार टन के आयात सौदे किए हैं। बंदेवार दाल एंड बेसन मिल के डायरेक्टर एस. बी. बंदेवार ने बताया कि मूंग पेड़ीसेवा के दाम अप्रैल में बढ़कर 1,600 डॉलर प्रति टन हो गए थे जो इस समय घटकर 1,250 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। लेमन अरहर के दाम भी इस दौरान 1,100 डॉलर से घटकर 805 डॉलर, उड़द के दाम 1,150-1,250 डॉलर से घटकर 1050-1150 डॉलर प्रति टन रह गए। लाल मसूर के दाम भी इस दौरान 100 डॉलर घटकर 760 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। गुलबर्गा के दलहन व्यापारी चंद्रशेखर एस. नाडर ने बताया कि आयातित दालों की कीमतों में आई गिरावट का असर घरेलू बाजार में दलहन की थोक कीमतों में पड़ा है। पिछले तीन महीनों में मूंग की कीमतें उत्पादक मंडियों में 6000-6,200 रुपये से घटकर 4,800-5,400 रुपये, अरहर की कीमतों में 4,800-4,900 रुपये से घटकर 3,700-3,900 रुपये, मसूर की कीमतें 3,925-4000 रुपये से घटकर 3,300-3,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। हालांकि उड़द के 5,000-5,300 रुपये प्रति क्विंटल ही चल रहे हैं लेकिन आगामी दिनों में इसमें भी गिरावट आने की संभावना है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार दलहन की बुवाई बढ़कर चालू खरीफ में 57.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 50.55 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है।बात पते कीपीएसयू ने 2.35 लाख टन दलहन के आयात सौदे किए हैं। इसमें से 61 हजार दालें ही बंदरगाह पर पहुंची है। बाकी 1.74 लाख टन दालें जल्द पहुंच जाएंगी। प्राइवेट आयात भी तेज हो सकता है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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