कुल पेज दृश्य

20 जुलाई 2010

यूरोप के देशों से मांग बढऩे से गुलाब की कीमतें खिलीं

मुंबई July 18, 2010
अब प्यार का इजहार गुलाब की कलियों से करना महंगा हो जाएगा। गुलाब की कलियों के दुनिया की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी, करुतुरी ग्लोबल लिमिटेड (केजीएल) अपने उत्पाद की कीमतों में 15-20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है।वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते गुलाब की कीमतों में पिछले एक साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। वहीं इसकी उत्पादन लागत में तेज बढ़ोतरी हुई। केजीएल के गुलाब की मांग यूरोप के देशों, खासकर जर्मनी में बढ़ी है। पूरी दुनिया में जर्मनी गुलाब का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। बाजार की मांग को देखते हुए केजीएल गुलाब की कलियों के दाम बढ़ाना चाहती है। भारत, इथियोपिया और केन्या में 3,00,000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में गुलाब की खेती करने वाली विश्व की सबसे बड़ी गुलाब उत्पादक कंपनी केजीएल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक साई रामकृष्ण करुतुरी ने कहा, 'इस साल कीमतें 15-20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं।वर्तमान में आधे खिले हुए गुलाब, जिसे अपने नजदीकियों को प्यार का इजहार करने के लिए दिया जाता है, की कीमतें 10 यूरो सेंट्स (करीब 6 रुपये) और पूरे खिले गुलाब की कीमतें 18 यूरो सेंट्स (करीब 10।50 रुपये) हैं।इस समय परिवहन खर्च बढऩे की वजह से गुलाब के बाजार को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मजदूरी ज्यादा होने की वजह से भी यूरोप में बागवानी प्रभावित हुई है और तमाम इकाइयों को बंद करना पड़ा है। फूलों की खेती करने वाले कुछ उत्पादकों ने अपनी बागवानी को रिसॉर्ट में बदल दिया है, जहां लोग छुट्टियां बिताने आते हैं। इसके चलते लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के देशों- इथियोपिया, इक्वाडोर, कोलंबिया, भारत, चीन, केन्या और तंजानिया में फूलों की खेती बढ़ी है। मांग में इतनी तेजी आई है कि आपूर्ति का संकट हो गया है और इससे कीमतें बढ़ रही हैं। अमेरिका में अधखिले गुलाब की कीमतें 0.377 डॉलर प्रति नग से बढ़कर पिछले एक साल में 0.430 डॉलर प्रति नग पर पहुंच चुकी हैं। हाल के दिनों में यूरोप के देशों से मांग बढ़ी है। खासकर 1 साल की मंदी के बाद पूर्वी यूरोप और ब्रिटेन से मांग तेज हुई है। करुतुरी ने कहा कि इसे देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। (बीएस हिंदी)

कोई टिप्पणी नहीं: