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13 जुलाई 2010

घर की मुर्गी दाल बराबर

नई दिल्ली 07 12, 2010
बाजार में मुर्गी और पोल्ट्री उत्पादों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन उनका उत्पादन करने वालों के चेहरे मायूस हैं क्योंकि उनका मुनाफा दिनोदिन घट रहा है। दरअसल बेहद गर्मी पडऩे की वजह से ब्रायलर (मुर्गी) की मृत्यु दर बहुत बढ़ गई है। इसके अलावा मुर्गी का दाना और चिक महंगा होने की वजह से उत्पादन लागत में भी इजाफा हो गया है। इसी कारण बाजार में पोल्ट्री उत्पादों के दाम ज्यादा मिलने के बावजूद उत्पादकों का मुनाफा घट गया है।हरियाणा के रोहतक में दीपक पोल्ट्री फार्म के मालिक संदीप सिंह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बार गर्मी अधिक पडऩे के कारण पोल्ट्री उत्पादक परेशानी में है। पिछले कुछ महीनों में अधिक गर्मी के कारण पोल्ट्री फार्मो में बीमारी फैल गई है और 20 से 30 फीसदी तक मुर्गियां मर गई हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के जनस्वास्थ्य विभाग के डॉ एन के महाजन कहते हैं कि हर साल गर्मी की वजह से मुर्गियों की मृत्यु दर 4 से 5 फीसदी रहती है, लेकिन इस बार अधिक गर्मी के कारण यह दर 10-15 फीसदी है। डॉ महाजन के अनुसार गर्मी के कारण मुर्गियों को वायरल बुखार हो जाता है।जिन पोल्ट्री फार्म में ठंडा रखने की उचित व्यवस्था नहीं है, वहां मुर्गियां अधिक मर रही हैं। हरियाणा के ही जींद में च्वाइस रिसर्च ऐंड पोल्ट्री फार्म के मालिक रामहेत देशवाल बताते हैं कि मुर्गियों के अधिक मरने से मुनाफे में कमी आ रही है। लागत भी बढ़ गई है, जिसकी वजह से बाजार में दाम बढऩे का फायदा भी पोल्ट्री उत्पादकों को नहीं मिल रहा है।संदीप बताते हैं कि साल भर में चिक का दाम 18-20 रुपये से बढ़कर 28-30 रुपये प्रति चिक और फीड का दाम 15-16 रुपये से बढ़कर 18-19 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। एक ब्रायलर पालने के लिए चिक पर 30 रुपये, फीड पर 75 रुपये, दवा पर 10 रुपये और ढुलाई वगैरह पर 10 रुपये खर्च आ जाता है। एक मुर्गी या ब्रायलर का वजन 1।90 किलोग्राम होता है और कुल लागत 125 रुपये आती है यानी एक किलो मुर्गी पर लागत 60 से 62 रुपये है। बाजार में इसकी कीमत 70-72 रुपये प्रति किलो है। इस तरह उत्पादकों को 10-12 रुपये प्रति किलो मिलते हैं, लेकिन मुर्गियों की मौत बढऩे से यह फायदा भी उन्हें नहीं मिल रहा है। देशवाल का कहना है कि आगे बारिश के कारण पोल्ट्री उत्पादकों को राहत मिलने की उम्मीद है। डॉ महाजन का इस बारे में कहना है कि बारिश की वजह से ब्रायलर की मृत्यु दर में कमी आएगी। (बीएस हिंदी)

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