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09 अगस्त 2010

ग्लोबल बाजार में अभी और चढ़ेंगी गेहूं की कीमतें

उम्मीदें भी रूस ग्लोबल बाजार में गेहूं का अकेला सप्लायर नहीं। अमेरिका व चीन में गेहूं की पैदावार में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने का अनुमान। गेहूं व इसके उत्पादों के दामों पर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की चढ़ती कीमतों के अभी और ऊपर जाने की आशंका है। दुनिया में गेहूं के सबसे बड़े सप्लायरों में से एक रूस में इसकी फसल के काफी हद तक बर्बाद हो जाने के चलते ही ऐसी नौबत आती दिख रही है। इस देश के ताजा हालात कुछ ऐसी ही अनचाही तस्वीर पेश कर रहे हैं। पिछले कई दशकों में रूस में पड़े सूखे के विकराल रूप धारण करने के चलते वहां गेहूं की 20 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। यही नहीं, रूस के पश्चिमी हिस्से में स्थित जंगलों में हाल ही में लगी भयावह आग भी कहर ढाती नजर आ रही है। इस वजह से रूस में गेहूं की फसल के अभी और बर्बाद होने की आशंका है। ग्लोबल स्तर पर गेहूं उत्पादन में रूस का योगदान तकरीबन आठ फीसदी है, इसलिए ऐसे में मौजूदा नुकसान गेहू की विश्वव्यापी सप्लाई में 1.6 फीसदी की कमी के बराबर है। कुछ विश्लेषकों एवं अनाज संगठनों का मानना है कि सूखा पडऩे के चलते इस साल रूस से गेहूं निर्यात पिछले साल के मुकाबले 30-40 फीसदी कम रहेगा। रूस ने पिछले साल 2.1 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया था। इसका मतलब यही हुआ कि इस साल रूस से गेहूं निर्यात 60-80 लाख मीट्रिक टन कम रहेगा। इस बीच, रूस गेहूं निर्यात पर अंकुश लगाने में जुट गया है। कुछ अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक रूस से गेहूं निर्यात पर अस्थायी प्रतिबंध के 15 अगस्त से 31 दिसंबर तक प्रभावी रहने की संभावना है। उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमतें तेजी से चढ़ रही हैं। गत जून माह के दूसरे सप्ताह से ही इसमें बढ़ोतरी का रुख देखा जा रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि गेहूं की कीमतों में फिलहाल जो बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, वह पिछले कई दशकों में सर्वाधिक है। खाद्य एवं कृषि संगठन यानी फाओ के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने के दौरान गेहूं के हाजिर मूल्यों में 24 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई।मौजूदा समय में गेहूं के वायदा मूल्य प्रति बुशेल सात अमेरिकी डॉलर से भी ऊपर हैं। सितंबर 2008 के बाद पहली बार गेहूं के वायदा मूल्य इस स्तर पर पहुंचे हैं। हालांकि, गनीमत की बात यही है कि अनेक विश्लेषक गेहूं की कीमतों में मौजूदा उतार-चढ़ाव को सामान्य रेंज में ही मानते हैं। इसके अलावा एक बात यह है कि रूस ग्लोबल बाजार में गेहूं का अकेला सप्लायर नहीं है। बताया जाता है कि पूरी दुनिया में गेहूं की सप्लाई कमोबेश ठीक रहेगी। इस वर्ष रूस के साथ-साथ कनाडा और भारत में गेहूं उत्पादन भले ही कुछ कम रह जाए, लेकिन अमेरिका तथा चीन में पैदावार में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....aar as raana)

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