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27 अगस्त 2010

कपास निर्यात की सीमा होगी तय

नई दिल्ली आगामी सीजन में कपास निर्यात के लिए सरकार ने इसकी सीमा तय करने का फैसला किया है। एक सितंबर को यह सीमा तय हो सकती है। वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि सीमा तय करने के दौरान किसान और कपास का इस्तेमाल करने वाले कपड़ा उद्यमी दोनों के हितों का ख्याल रखा जाएगा। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने बताया कि एक सितंबर को कपास निर्यात की सीमा तय करने के लिए कृषि मंत्रालय व कपड़ा मंत्रालय की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कृषि मंत्रालय कपास के उत्पादन अनुमान के बारे में विस्तृत जानकारी देगा। वहीं, कपड़ा मंत्रालय कपड़ा उत्पादकों के लिए कपास की अनुमानित जरूरतों के बारे में बताएगा। इस जानकारी के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कितनी मात्रा में कपास निर्यात की इजाजत दी जाए। इस निर्यात के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। इस पर कोई निर्यात शुल्क भी नहीं लगेगा। इस मात्रा के निर्धारण के लिए इस साल के स्टॉक को भी ध्यान में रखा जाएगा। तय मात्रा के निर्यात के बाद निर्यात की इजाजत शुल्क के साथ दी जा सकती है। फिलहाल कपास के निर्यात पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। वाणिज्य सचिव के मुताबिक पिछले साल ग्लोबल स्तर पर कपास की कमी थी। इस कारण कपास की निर्यात कीमत 600-800 रुपये प्रति कैंडी तक अधिक चली गई। कपास की कीमत अधिक होने से यार्न के दाम में भी पिछले साल के मुकाबले 20-30 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल 30 जुलाई तक 83 लाख बेल्स (1 बेल में 170 किलोग्राम) का निर्यात किया गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि तक 35 लाख बेल्स का निर्यात किया गया था। कपास का सीजन एक अक्टूबर से शुरू होता है। (Business Bhaskar)

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