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16 सितंबर 2010

इलायची के दाम में तेज गिरावट

कोच्चि 09 16, 2010
केरल और तमिलनाडु के नीलामी केंद्रों पर इलायची की आवक तेज हो गई है। इसकी वजह से माल की बिक्री का दबाव है और कीमतों में तेज गिरावट आई है। इलायची की औसत किस्म के दाम घटकर 950-970 रुपये प्रति किलो और अच्छी गुणवत्ता वाली इलायची के दाम गिरकर 1000-1050 रुपये प्रति किलो रह गए हैं। जनवरी के बाद यह पहला मौका है जब इलायची की कीमतें गिरकर 1000 रुपये प्रति किलो पर आ गई हैं।मसाला बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में इलायची की औसत कीमतें 1016 रुपये प्रति किलो थीं। जून महीने में इलायची की कीमतें 1513 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गईं, वहीं अच्छी गुणवत्ता वाली इलायची की कीमतें 1750 रुपये प्रति किलो पर आ गई हैं। घरेलू बाजार में कीमतों में अचानक आई गिरावट के चलते इडुक्की के किसानों में अफरा तफरी फैल गई है। केरल के इडुक्की जिले में कुल उत्पादन के 50 प्रतिशत इलायची का उत्पादन होता है।उत्पादकों के मुताबिक वे अपना माल बेचने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन बाजार में और गिरावट आने की उम्मीद बन रही है, जिसके चलते माल की बिक्री हो रही है। इस समय फसल कटाई का काम चरम पर है इसके चलते नीलामी केंद्रों पर आवक भी बहुत ज्यादा है। यही प्रमुख वजह है जिसके चलते कीमतों में गिरावट आई है और बाजार को उम्मीद है कि कीमतों में और कमी आएगी।बाजार से जुड़े सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि इतनी ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि पिछले 2-3 साल से उत्पादन स्थिर है। वहीं इसकी स्थानीय मांग ज्यादा है। उम्मीद की जा रही है कि इसकी औसत कीमतें 1000 रुपये प्रति किलो से ज्यादा रहेंगी। इडुक्की जिले के एक उत्पादक रेजी नजालानी ने कहा कि इस समय स्थिति अच्छी नहीं है। किसानों की ओर से यह मांग की जा रही है कि इस मामले में मसाला बोर्ड हस्तक्षेप करे और इलायची का न्यूनतम हाजिर मूल्य तय करे। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं होता तो आने वाले वर्षों में इलायची उत्पादकों का संकट बढ़ेगा। इस समय इलायची उत्पादक इलाकों में लगातार तेज बारिश हो रही है। इसकी वजह से इलायची के पौधों को भारी नुकसान हुआ है। वंदनमेडु, अनाविलासम, उडुम्बेनतोला और कट्टापना जैसे इलायची उत्पादक इलाकों में पौधों में फंगस इनफेक् शन हो गया है। इसकी वजह से कच्ची इलायची को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश से उन पौधों को भी नुकसान हुआ है, जिन पर फूल आ रहे थे। इसकी वजह से आने वाले महीनों में इलायची उत्पादन में गिरावट की उम्मीद है।फसलों को भारी नुकसान होने की वजह से किसानों का संकट बढ़ा है। प्रमुख किसानों का कहना है कि इस सीजन में उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत की गिरावट आएगी। भारत में इलायची का औसत वार्षिक उत्पादन 13,500 टन है। (BS Hindi)

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