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22 अक्तूबर 2010

गन्ना किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी : पवार

नई दिल्ली: खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगी कि सितंबर, 2011 को समाप्त होने वाले चालू चीनी वर्ष में गन्ना किसानों को उनके उत्पादों के लिए सही कीमत प्राप्त हो सके। पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, किसानों को सही कीमत मिले इसके लिए हमें जो भी कदम उठाना होगा, वह हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर उठाएंगे। पवार का यह बयान इस मायने में महत्वपूर्ण है कि अनुमानित भारी चीनी उत्पादन को देखते हुए आगे गन्ना कीमतों में गिरावट आने के कयास लगाए जा रहे हैं। देश में गन्ने का उत्पादन चालू चीनी वर्ष में 16 प्रतिशत बढ़कर 32.49 करोड़ टन होने की उम्मीद है। पिछले साल गन्ना उत्पादन 27.7 करोड़ टन रहा था। एक ओर जहां गन्ना उत्पादन के बढ़ने की खबर से उपभोक्ताओं को राहत की सांस मिली है, वहीं इससे गन्ना उत्पादकों को अपने उत्पादों के लिए उम्मीद से कम मूल्य मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस साल एक समय खुदरा बाजार में चीनी के दाम 50 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों के बीच संतुलन कायम करने का प्रयास करेगी। पवार ने कहा, चीनी अगर 40-50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध होती है तो किसानों को बेहतर कीमत प्राप्त होगी। लेकिन हमें संतुलित दृष्टिकोण अख्तियार करना होगा। किसानों और उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करना होगा। इस बीच, जनवरी मध्य के बाद से दिल्ली में चीनी का खुदरा मूल्य 40 फीसदी घटकर 30 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गया है। देश में 2009-10 के चीनी वर्ष में 1.9 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था। गन्ना खेती के रकबे में वृद्धि को देखते हुए इसका उत्पादन बढ़कर 2.6 करोड़ टन होने की संभावना है। (ET Hindi)

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