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15 नवंबर 2010

सीडब्ल्यूसी भंडारण क्षमता बढ़ाएगी

अनाज भंडारण की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) वित्त वर्ष 2011-12 में दो लाख टन की खाद्यान्न भंडारण क्षमता के नए गोदाम बनायेगा। निगम द्वारा बनाए जा रहे नए गोदामों के निर्माण में करीब 60 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है। सीडब्ल्यूसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी ने 1.75 लाख टन की भंडारण क्षमता के नए गोदाम बनाने का लक्ष्य तय किया हुआ है। इसमें से बीते सितंबर माह तक 55 हजार टन की क्षमता के गोदामों का निर्माण करने के साथ ही इन्हे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को सौंपा भी जा चुका है। शेष बचे हुए 1.20 लाख टन की भंडारण क्षमता के नए गोदामों का निर्माण कार्य मार्च के आखिर तक पूरा हो जाने की संभावना है। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी ने अपनी भंडारण क्षमता में केवल 17,500 टन की ही बढ़ोतरी की थी, तथा ये गोदाम भी एफसीआई को सौपे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा निगम एफसीआई की और से निजी उद्यमी गांरटी योजना-2008 के तहत दस साल की गांरटी स्कीम पर नए गोदामों का निर्माण करायेगा। निगम महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकारों की एजेंसियों के साथ मिलकर नए गोदामों का निर्माण करेगा। कई राज्यों में इसके लिए निविदा मांगी जा चुकी है तथा कई राज्यों में निविदा अगले कुछ दिनों में मंगाई जायेगी। उन्होंने बताया कि इस समय सीडबल्यूसी के पास 68.61 लाख टन की (कवर) भंडारण क्षमता स्वयं की है तथा निगम ने 12.85 लाख टन (कवर) भंडारण क्षमता के गोदाम किराये पर ले रखे हैं। इसके अलावा निगम के पास 15.11 लाख टन की भंडारण क्षमता सीएपी (कवर एंड प्लेनिथ) की है। इस समय निगम के पास कुल भंडारण क्षमता करीब 104 लाख टन की है तथा देश भर में निगम के 492 वेयर हाउस हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय निगम के पास मौजूद कुल भंडारण क्षमता के 87 फीसदी का ही उपयोग हो रहा है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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