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15 नवंबर 2010

भारतीय बासमती पर यूरोपीय यूनियन के कड़े नियम

यूरोपीय यूनियन ने भारतीय बासमती चावल के लिए नियम कड़े कर दिए हैं। यूरोपीय यूनियन के देशों ने बासमती चावल के आयात में मिश्रण की अधिकतम सीमा को सात फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। इसका असर बासमती निर्यात पर पडऩे की आशंका है। रुपये के मुकाबले डॉलर की कमजोरी और आयात मांग कमजोर होने से चालू वित्त वर्ष में अभी तक बासमती चावल के निर्यात सौदों में 8.1 फीसदी की कमी आई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यूरोपीय यूनियन ने बासमती चावल के आयात में मिश्रण की मात्रा को सात फीसदी से घटाकर पांच कर फीसदी कर दिया है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन के देश उच्च क्वालिटी का बासमती चावल आयात करना चाहते हैं इसीलिए नियम कड़े किए हैं। इसका आंशिक असर निर्यात पर पडऩे की आशंका है। एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान भारत से 17 लाख टन बासमती चावल के निर्यात सौदों का पंजीकरण हुआ है जो पिछले साल की तुलना में करीब 1.5 लाख टन कम है। पिछले साल की समान अवधि में 18.5 लाख टन के निर्यात सौदों का पंजीकरण हुआ था। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सेतिया ने बताया कि निर्यात सौदे पिछले साल की तुलना में कम हुए है इसका प्रमुख कारण रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर होना है। केआरबीएल लिमिटेड के ज्वांइट मैंनेजिंग डायरेक्टर अनुप गुप्ता ने बताया कि बासमती चावल में निर्यात मांग कमजोर है। भारत की नई फसल को देखते हुए आयातक नए आयात सौदे कम मात्रा में कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूसा-1121 बासमती चावल सेला का भाव 1100 डॉलर और ट्रेडिशनल बासमती चावल सेला का भाव 1,250 डॉलर प्रति टन है। हालांकि उन्होंने माना कि आगामी महीनों में निर्यात सौदों में तेजी आने की संभावना है। बासमती चावल के थोक कारोबारी राम विलास खुरानियां ने बताया कि ब्याह-शादियों की मांग से घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान की कीमतों में तेजी बनी हुई है। पूसा-1121 बासमती चावल की कीमतों में पिछले सप्ताह भर में ही करीब 300 रुपये की तेजी आ चुकी है। दिल्ली में पूसा-1121 चावल का दाम बढ़कर 4,700 से 5,300 रुपये और बासमती कॉमन का भाव 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। उत्पादक मंडियों में पूसा-1121 बासमती धान की कीमतों में 200 रुपये की तेजी भाव 2,400 से 2,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।बात पते कीयूरोप में कड़ाई से बासमती निर्यात पर असर पडऩे की आशंका है। रुपये के मुकाबले डॉलर गिरने और आयात मांग कमजोर होने से चालू वित्त वर्ष में अभी तक निर्यात सौदों में 8.1' की कमी आई है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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