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21 दिसंबर 2010

पाकिस्तान से 12 साल बाद बही प्याज की उल्टी धारा

चंडीगढ़ / पुणे : प्याज की बढ़ती कीमत देखकर भले ही लोगों के आंसू निकल रहे हों, लेकिन भारतीय कारोबारियों के चेहरे पर मुनाफे की चमक नजर आ रही है। अभी तक भारत पाकिस्तान को सब्जियों का निर्यात करता था, लेकिन प्याज की कीमतों में आए भारी उछाल को देखकर भारतीय कारोबारियों ने 12 साल बाद सड़क मार्ग से पाकिस्तान से प्याज आयात करना शुरु कर दिया है। इसके अलावा, कीमतों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने भी प्याज निर्यात के लिए दिया जाना वाला अनापत्ति प्रमाण पत्र रोक दिया है। नैफेड, एनसीसीएफ और अन्य सरकारी ट्रेडिंग एजेंसियों ने पहले से जारी किए जा चुके एनओसी के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) मौजूदा 525 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 1,200 डॉलर प्रति टन कर दिया है। सोमवार को जारी बयान में कहा गया, 'नैफेड और एनसीसीएफ 21 दिसंबर 2010 से अपने आउटलेट के जरिए प्याज की खुदरा बिक्री शुरू करेंगे ताकि उपभोक्ताओं को सही कीमत पर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।' अभी हाल ही में नवंबर के आखिर में सरकार ने एमईपी में 150 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी की थी ताकि घरेलू आपूर्ति बढ़ाई जा सके। इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में सोमवार को ही अटारी-वाघा बॉर्डर से प्याज से लदे ट्रकों का पहला जत्था भारत पहुंचा। भारत के थोक बाजार में प्याज का भाव 40 से 70 रुपए के बीच चल रहा है। पंजाब और दिल्ली के कारोबारियों ने बताया कि 1998 में एनडीए शासन के दौरान सड़क रास्ते से पाकिस्तान से प्याज आयात किया गया था। उस दौरान थोक बाजार में प्याज की कीमत 50-60 रुपए प्रति किलोग्राम थी। सोमवार को प्याज से लदे 12 ट्रक (एक ट्रक में में 10-15 टन प्याज होता है) वाघा बॉर्डर पार कर अमृतसर में अटारी सीमा से भारत में दाखिल हुए। अमृतसर में आयात-निर्यात का कारोबार करने वाले राजदीप उप्पल ने कहा, 'देश में प्याज की खराब फसल और ऊंची कीमत को देखते हुए हम पाकिस्तान से सड़क मार्ग से प्याज का आयात कर रहे हैं।' कारोबारियों ने 500 टन प्याज के ठेके के साथ शुरुआत की है। फिलहाल गुलाबी रंग के प्याज पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आयात किए जा रहे हैं। लाहौर की कंपनी राशिद खान नाबिद खान कंपनी के मालिक राशिद खान ने कहा कि भारत से प्याज की मांग काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में प्याज की कीमत 15-18 रुपए प्रति किलोग्राम है। इस साल यहां प्याज की खेती कम हुई है, लेकिन भारत से आने वाली मांग और कीमत दोनों काफी अच्छी हैं।' सड़क मार्ग से प्याज आयात करने पर भारत सरकार 7 फीसदी का शुल्क वसूलती है, जिसे कारोबारी अवरोध के रूप में देख रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि अगर यह शुल्क हटा लिया जाए तो खुदरा बाजार में प्याज के भाव में गिरावट आएगी। इस साल अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत ने हजारों टन प्याज पाकिस्तान को निर्यात किया था। उस वक्त पाकिस्तान में बाढ़ आने से वहां की सारी फसल बर्बाद हो गई थी। हालांकि, महाराष्ट्र और गुजरात में बेमौसम बरसात होने की वजह से पिछले कुछ दिनों में प्याज की कीमतों में जबर्दस्त तेजी आई है। पिछले साल महाराष्ट्र में प्याज का थोक भाव 10 रुपए प्रति किलोग्राम था जो इस साल बढ़कर 30 से 35 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है। कुछ खास बाजारों में जहां प्याज की आवक में भारी गिरावट हुई है, वहां प्याज की कीमत पिछले दो दिनों में बढ़कर 60 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है। सोमवार को सांगली में प्याज का भाव 75 रुपए प्रति किलोग्राम था। (ET Hindi)

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