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21 दिसंबर 2010

2-3 तीन सप्ताह से पहले नीचे नहीं आएंगे प्याज के दाम: पवार

नई दिल्ली: प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच सरकार का मानना है कि इसके दाम नीचे आने में कम से कम दो से तीन सप्ताह का समय लगेगा। इस समय खुदरा बाजार में प्याज 70 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान से प्याज की एक खेप हालांकि भारत पहुंची है, पर सरकार ने कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज का आयात किए जाने की संभावना से इनकार किया है। प्याज के सबसे बड़े उत्पादक केंद्र महाराष्ट्र के नासिक में इसका थोक भाव 70 रुपए प्रति किलोग्राम को पार कर गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि दिल्ली और अन्य स्थानों पर यह सौ रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने आज संवाददाताओं से कहा कि दाम अभी दो-तीन सप्ताह तक ऊंचाई पर बने रहेंगे और उसके बाद ही इसमें कुछ गिरावट आएगी। सिर्फ कुछ दिनों में दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में प्याज का खुदरा दाम 35-40 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। प्याज की कीमतों में तेजी की वजह पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा, भारी बारिश की वजह से प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश से प्याज की आवक शुरु होने के बाद दो-तीन सप्ताह में इसके दाम नीचे आ जाएंगे। नासिक की विभिन्न कृषि उपज मंडी समितियों में प्याज का दाम 7,100 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया है। नवंबर में महाराष्ट्र में हुई बारिश की वजह से प्याज का उत्पादन घटा है, जिससे इसके दाम बढ़े हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव चोपड़ा ने कल प्याज की कीमतों में तेजी की वजह जमाखोरी और सट्टेबाजी को बताया था। यह पूछे जाने पर कि सरकार घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्याज का आयात करेगी, पवार ने कहा, की तारीख तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। इस बीच, उत्तर भारत के कई व्यापारियों ने पाकिस्तान से प्याज का आयात शुरु कर दिया है। अमृतसर में सीमा शुल्क विभाग के एक अधिकारी ने कल बताया कि पाकिस्तान से 13 ट्रक प्याज आया है। पाकिस्तान से आयातित प्याज की कीमत 18 से 20 रुपए प्रति किलोग्राम बैठ रही है। पवार ने कहा कि सरकार ने जो कदम उठाए हैं उससे प्याज की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी। सरकार ने कल प्याज के निर्यात पर 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा, प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 525 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 1,200 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है। इस बीच, प्याज निर्यात का नियमन करने वाली एजेंसी नाफेड और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन आफ इंडिया (एनसीसीएफ) ने आज से राष्ट्रीय राजधानी में 35 से 40 रुपए के भाव पर प्याज की बिक्री शुरु कर दी है। राष्ट्रीय राजधानी में नाफेड और एनसीसीएफ के 25 स्टोर हैं। वित्त वर्ष 2009-10 में देश में प्याज का उत्पादन 1.2 करोड़ टन का रहा था। इसमें से 19 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था। 2010-11 में खरीफ सीजन का उत्पादन 50 लाख टन रहने का अनुमान है। (ET Hindi)

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