कुल पेज दृश्य

03 दिसंबर 2010

चीनी फीकी और गुड़ हुआ मीठा

मुंबई/लखनऊ December 02, 2010
चालू वित्त वर्ष के लिए चीनी उत्पादन खपत से कुछ ही अधिक रहने का अनुमान है और उसकी वजह से अंतरराष्टï्रीय बाजार से चीनी आयात करने की योजना भी बनाई जा रही है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान कुछ अलग ही सोच रहे हैं। किसान गुड़ एवं खांडसारी इकाइयों को राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) से 25-30 रुपये प्रति क्वटल कम दाम पर गन्ना बेच रहे हैं। दरअसल राज्य की चीनी मिलों ने अभी तक सुदूर लेकिन गन्ने की अधिक उपज करने वाले क्षेत्रों में गन्ना खरीद केंद्र नहीं लगाए हैं। इस कारण किसान अधिक रिकवरी वाली गन्ने की अग्रतर किस्म गुड़ एवं खांडसारी इकाइयों को 170-180 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेच रहे हैं। राज्य सरकार ने 205 रुपये प्रति क्विंटल एसएपी तय किया है। लेकिन राज्य की चीनी मिलें गन्ने का अंतिम भाव तय करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार कर रही हैं, जो अगले हफ्ते आ सकता है।पिछले साल गन्ने की औसत कीमत 265 रुपये प्रति क्विंटल रही थी जबकि सैप 165 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था। हालांकि चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्र ने उचित एवं लाभकारी मूल्य 139.12 रुपये प्रति क्विंटल तय कि या है। उत्तर प्रदेश सहकारी गन्ना समिति के चेयरमैन मनीष कुमार सिंह ने कहा कि किसान गन्ना बेचने में जल्दबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई बारिश के कारण किसानों को लग रहा है कि गेहूं बोने का यही माकूल समय है। इससे पहले भारतीय चीनी मिल संगठन (इस्मा) ने साफ कह दिया था कि 175 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक दाम पर गन्ना खरीदने से मिलों को घाटा होगा। हालांकि इस्मा के चेयरमैन विवेक सरावगी ने किसानों द्वारा गन्ने की बिक्री जल्दी करने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, 'राज्य में कुछ भी असामान्य नहीं हो रहा है।Óराज्य की मुख्यमंत्री मायावती की 15 नवंबर तक पेराई शुरू करने की चेतावनी के बावजूद यहां सिर्फ 73 मिलों ने ही पेराई शुरू की है। जबकि राज्य में 131 चीनी मिलें मौजूद हैं। लेकिन जिन मिलों में पेराई शुरू हुई है वे भी काफी धीरे काम कर रही हैं। द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज के निदेशक बी जे माहेश्वरी ने बताया कि कोल्हू असंगठित क्षेत्र में आते हैं इसीलिए इन पर सैप लागू नहीं होता है। किसान पिछले साल के बराबर बोनस मांग रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चेयरमैन गन्ना समिति संगठन के अध्यक्ष अवधेश मिश्रा ने बताया, 'हमें पिछले साल के बराबर ही बोनस और भत्ते चाहिए। पिछले साल गन्ने का भाव 300 रुपये प्रति क्विंटल पार कर गया था।Óउत्तराखंड में भाव लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड ने सैप की घोषणा की। राज्य में गन्ने का सैप 210-215 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह देश में सबसे अधिक है। अग्रतर एवं सामान्य किस्म के लिए सैप क्रमश: 210 रुपये व 215 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो उत्तर प्रदेश के सैप से 5 रुपये अधिक है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: