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07 जनवरी 2011

अनुकूल मौसम से गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

मौसम का वरदानउत्तर भारत में दिसंबर की बारिश से खेतों में पर्याप्त नमीपंजाब, हरियाणा, यूपी व राजस्थान में भू-जलस्तर भी बढ़ाकड़ाके की सर्दी से गेहूं की फसल को जबर्दस्त फायदादिन में अच्छी धूप निकलने से भी गेहूं का बेहतर विकासबुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम से चालू रबी सीजन में देश में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन 820 लाख टन होने का अनुमान है। चालू रबी में गेहूं के बुवाई क्षेत्रफल में 10.04 लाख हैक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। जबकि दिसंबर महीने में उत्तर भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों में हुई बारिश से नमी भी बराबर बनी हुई है। कड़ाके की सर्दी के साथ ही दिन में धूप भी निकल रही है जो फसल के अनुकूल है। कृषि आयुक्त डॉ. गुरबचन सिंह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों में मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है। दिसंबर महीने में उत्तर भारत के राज्यों में बारिश हुई थी जिससे नमी की मात्रा भी बनी हुई है। इसके अलावा मानसून अच्छा होने से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भूमिगत जलस्तर भी बढ़ा है। जबकि पिछले दस-बारह दिनों से उत्तर भारत के राज्यों में कड़ाके की सर्दी तो पड़ ही रही है, साथ में दिन के समय धूप भी निकल रही है जो गेहूं की फसल के लिए एकदम उपयुक्त है। फसल की पकाई तक मौसम अनुकूल रहा तो गेहूं का उत्पादन तय लक्ष्य 820 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। पिछले साल गेहूं का उत्पादन 807 लाख टन का हुआ था। गेहूं अनुसंधान निदेशालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस. एस. सिंह ने बताया कि सर्दी जितनी बढ़ती है उसका फायदा गेहूं की फसल को होता है। उत्तर भारत के राज्यों में सप्ताह भर से न्यूनतम तापमान घटकर पाच-सात डिग्री से नीचे चला गया है जो गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है। ठंड बढऩे से गेहूं का प्रति हैक्टेयर उत्पादन बढ़ जाता है। पिछले साल मध्य प्रदेश में ठंड और बारिश से गेहूं के प्रति हैक्टेयर उत्पादन में करीब 25 फीसदी का इजाफा हुआ था। ज्यादा ठंड गेहूं की देर से होने वाली बुवाई के लिए भी अच्छी है। चालू सीजन में गेहूं की बुवाई भी पिछले साल के 285 लाख हैक्टेयर से बढऩे का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार चालू रबी में गेहूं की बुवाई बढ़कर 275.85 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 265.81 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 93.77 लाख हैक्टेयर में, मध्य प्रदेश में 42.61 लाख हैक्टेयर में, पंजाब में 34.85 लाख हैक्टेयर में और हरियाणा में 24.7 लाख हैक्टेयर तथा राजस्थान में 23.38 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। (Business Bhaskar......R S Rana)

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