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16 मार्च 2011

चीनी निर्यात पर 17 को चर्चा होने की संभावना

बात पते की - चीनी मिलों से जुड़ी संस्थाओं के अनुसार चालू सीजन में चीनी उत्पादन २५० लाख टन होगा, जबकि सरकार के मुताबिक यह उत्पादन २४५ लाख टन होने का अनुमान है।आगामी १७ मार्च को आयोजित होने वाली अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह की बैठक में चीनी निर्यात के मामले पर चर्चा होने की संभावना है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में चीनी निर्यात को मंजूरी देने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इस संबध में पिछले माह एक नोट अंतर मंत्री स्तरीय स्तर पर दिया गया था। इसे अब इस बैठक में अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह के सामने रखा जाएगा। सूत्र के मुताबिक कें द्रीय कृषि मंत्रालय चीनी निर्यात को मंजूरी दिए जाने के पक्ष में है, जबकि वाणिज्य मंत्रालय इस मामलें पर अभी और ज्यादा जानकारी जुटाना चाह रहा है। अभी सरकार ने चीनी निर्यात पर अपने निर्णय को टाल रखा है। सरकार ने ओपन जनरल लाइसेंस स्कीम (ओजीएल)के तहत पांच लाख टन चीनी निर्यात की मंजूरी को टाल रखा है। इसका कारण देश में खाद्य पदार्थों की बढ़ रही मंहगाई को बताया जा रहा है। सरकार को चिंता है कि कहीं फिर से चीनी के दाम आसमान न छूने लगे। बीते वर्ष राजधानी दिल्ली में चीनी के फुटकर दाम ४८ रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि वर्तमान में चीनी के फुटकर ३० -३२ रुपये प्रति किलो के स्तर पर चल रहे है। उधर चीनी मिलों से जुड़ी संस्थाओं ने सरकार पर निर्यात को जल्द से जल्द खोलने का दबाव बना रखा है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा), नेशनल फेडरेशन ऑफ कॉपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) जैसी संस्थाओं ने सरकार से चीनी निर्यात को खोलने की मांग की है। इन संस्थाओं का कहना है कि चीनी निर्यात पर रोक लगने के कारण मिलों को काफी नुकसान हो रहा है। इस्मा का कहना है कि घरेलू बाजार में मिलों को चीनी बेचने पर १५० रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। इन संस्थाओं के अनुसार वर्ष २०१०-११ के दौरान देश का चीनी उत्पादन २५० लाख टन होने की संभावना है। ऐसे में सरकार को चीनी निर्यात की मंजूरी देनी चाहिए। हालांकि सरकार ने अपने अनुमानों में चालू पेराई सत्र के दौरान २४५ लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान लगाया है। चीनी मिलों से जुड़ी सस्थाओं का कहना है कि चालू वर्ष में देश का घरेलू चीनी उपभोग २२० लाख टन रहने की संभावना है। ऐसे में अतिरिक्त चीनी उत्पादन होने के चलते निर्यात को मंजूरी दी जाए। (Business Bhaskar)

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