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13 अप्रैल 2011

मांग बढऩे से रबर में और तेजी की संभावना

मांग के मुकाबले उत्पादन कम होने से नेचुरल रबर की कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। फरवरी महीने में नेचुरल रबर का घरेलू उत्पादन 54,500 टन रहा जबकि इस दौरान खपत 79,000 टन रही। नेचुरल रबर के उत्पादन का ऑफ सीजन चल रहा है। जबकि भारत के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल रबर के दाम 32 रुपये प्रति किलो ज्यादा हैं। इसीलिए भारत में आयात कम हो रहा है जबकि निर्यात बढ़ रहा है। ऑटोमेटिव टायर मैन्यूफैक्चचर्स एसोसिएशन (एटीएमए) के महानिदेशक राजीव बुद्धिराजा ने बताया कि नेचुरल रबर के उत्पादन का नया सीजन शुरू होने में करीब पांच से साढ़े पांच महीने का समय शेष है। नए सीजन की शुरूआत नवंबर महीने में होगी। जबकि उत्पादन के मुकाबले उद्योग की मांग ज्यादा आ रही है जिससे तेजी को बल मिल रहा है। वित्त वर्ष 2010-11 के पहले 11 महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान नेचुरल रबर का उत्पादन 8.04 लाख टन हुआ है जबकि इस दौरान खपत बढ़कर 8.68 लाख टन की हुई है। जनवरी से अभी तक घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की कीमतों में 19.4 फीसदी की तेजी आ चुकी है। एक जनवरी को कोट्टायम में नेचुरल रबर का भाव 193 से 201 रुपये प्रति किलो था जबकि मंगलवार को भाव बढ़कर 238 से 240 रुपये प्रति किलो हो गया। हरिसंस मलायलम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज कपूर ने बताया कि भारत के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल रबर की कीमतें ज्यादा हैं। इसीलिए भारत में आयात में कमी आ रही है जबकि निर्यात बढ़ रहा है। बैंकाक में मंगलवार को नेचुरल रबर का दाम बढ़कर 271 से 272 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) हो गया। जनवरी से अभी तक इसके दाम 20.3 फीसदी बढ़ चुके हैं। चार जनवरी को बैंकाक में नेचुरल रबर का भाव 225 से 226 रुपये प्रति किलो था। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार फरवरी महीने में भारत में नेचुरल रबर का आयात 6,831 टन का हुआ है। पिछले साल फरवरी महीने में 12,278 टन का आयात हुआ था। जबकि फरवरी महीने में निर्यात बढ़कर 6,523 टन का हुआ जबकि पिछले साल फरवरी में 5,556 टन का निर्यात हुआ था। बोर्ड के अनुसार भारत में नेचुरल रबर का स्टॉक तीन लाख टन से ज्यादा का है। जबकि राजीव बुद्धिराजा ने बताया कि स्टॉक बोर्ड के आंकड़ों के मुकाबले कम है। विनको ऑटो इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर एम. एल. गुप्ता ने बताया कि घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की उपलब्धता कम है। इसके मुकाबले ऑटो उद्योग की मांग अच्छी बनी हुई है। इसलिए आगामी दिनों में इसकी कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। (Business Bhaskar R S Rana)

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