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27 मई 2011

अगस्त तक आलू के दाम नरम रहने की संभावना

आर.एस. राणा नई दिल्ली
बदहाली - किसानों को आलू की उचित कीमत भी नहीं मिल रहीघाटे का सौदा:- किसान 250 से 350 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर आलू बेचने को मजबूर हैं। जबकि 120 रुपये प्रति क्विंटल का कोल्ड स्टोर का किराए के अलावा दूसरे खर्च आ रहे हैं। किसानों का कुल खर्च करीब 160-170 रुपये प्रति क्विंटल आ रहा है। बंपर पैदावार के कारण मांग के मुकाबले काफी आवक ज्यादा होने से आलू की कीमतों में गिरावट थम नहीं रही है। दिल्ली आजादपुर मंडी में कोल्ड के आलू का भाव 250 से 325 रुपये, पंजाब के आलू का भाव 230 से 300 रुपये और हिमाचल के आलू का भाव 350 से 450 रुपये प्रति 50 किलो चल रहा है। वर्ष 2010-11 में देश में आलू की पैदावार 10 फीसदी बढ़कर 4.02 करोड़ टन होने का अनुमान है। ऐसे में जुलाई तक आलू की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
पोटेटो-ऑनियन मर्चेंट्स एसोसिएशन (पोमा) के अध्यक्ष त्रिलोक चंद शर्मा ने बताया कि बंपर उत्पादन होने से आलू की आवक ज्यादा हो रही है जबकि इसके मुकाबले मांग कम आ रही है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में आलू की दैनिक आवक 110 से 115 ट्रकों (प्रति ट्रक 250 कट्टे, एक कट्टा 50 किलो) की हो रही है। लेकिन बिक्री 70 से 80 ट्रकों की हो पाती है। गर्मी होने के कारण मई से जुलाई तक मांग कम रहती है। वैसे भी हरी सब्जियों के दाम कम होने से आलू की खपत पर असर पड़ रहा है।
मेरठ के आलू किसान अंबुज शर्मा ने बताया कि आलू की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। आलू की खेती का ज्यादातर काम मजदूरों से कराना होता है जबकि मजदूरी की दर लगातार बढ़ रही है।
किसान आलू की बिकवाली 250 से 350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं। इसमें 120 रुपये प्रति क्विंटल का कोल्ड स्टोर का भाड़ा, परिवहन लागत, मंडी का खर्च और बोरी की कीमत मिलाकर कुल खर्च करीब 160-170 रुपये प्रति क्विंटल का आ जाता है। आगरा कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन सिंघल ने बताया कि कोल्ड स्टोर से केवल पांच फीसदी आलू की ही निकासी हो पाई है। बनवारी लाल एंड संस के पार्टनर उमेश अग्रवाल ने बताया कि अगस्त में आलू की खपत बढ़ जाती है।
जबकि पंजाब और हिमाचल से इस दौरान आलू की आवक बंद हो जाएगी। इसीलिए मंडी में आपूर्ति कोल्ड स्टोर के आलू की होगी जिससे मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार आ सकता है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मंडियों में आलू की आवक कम होने से पिछले 15 दिनों में दाम सुधरे हैं। मंडी में आलू के थोक दाम बढ़कर 580-620 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं लेकिन बंपर पैदावार से ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2010-11 में देश में आलू की पैदावार बढ़कर 4.02 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष 3.65 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था। इसमें उत्तर प्रदेश में 140 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 88 लाख टन, बिहार में 56 लाख टन और पंजाब में 21 लाख टन पैदावार होने का अनुमान है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर पिछले बीस दिनों में आलू की कीमतों में 9 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। जून महीने के वायदा अनुबंध में आलू का भाव पांच मई को 573 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि गुरुवार को भाव घटकर 521 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। (Business Bhaskar....R S Rana)

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