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02 जून 2011

उत्तरी राज्यों में बीटी कपास बीजों की 15% ज्यादा बिक्री

रुझान - अच्छे दाम मिलने से किसानों की कपास में दिलचस्पी बढ़ीदेशव्यापी तस्वीर:- चालू सीजन में बीटी कपास के बीजों की देशभर में कुल मांग बढ़कर 4 से 4.25 करोड़ पैकेट होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल बीटी कपास के बीजों की कुल बिक्री 3.60 करोड़ पैकेट की हुई थी।उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में चालू सीजन में बीटी कपास के बीजों की बिक्री में 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चालू सीजन में कीमतों में आई भारी तेजी को देखते हुए किसानों ने कपास की ज्यादा बुवाई की है। चालू सीजन में उत्तर भारत में 57 से 58 लाख पैकेटों (एक पैकेट-450 ग्राम) की बिक्री हुई है जबकि पिछले साल कुल बिक्री 50 लाख पैकेटों की ही हुई थी।
रासी सीड प्राइवेट लिमिटेड के रीजनल बिजनेस मैनेजर निरंजन सिंह ने बताया कि उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बीटी कपास के बीजों की कुल मांग पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा रही है।
कुल बिक्री पिछले साल के 50 लाख पैकटों से बढ़कर 57-58 लाख पैकटों की हुई है। रासी सीड के बीटी कपास के बीजों की बिक्री पिछले साल से 7.6 फीसदी ज्यादा हुई है। कंपनी ने पिछले साल उत्तर भारत में बीटी कपास बॉलगार्ड-1 और बॉलगार्ड-2 के 13 लाख पैकेटों की बिक्री की थी जबकि चालू सीजन में 14 लाख पैकेटों की बिक्री हुई है।
महाराष्ट्र हाईब्रिड सीड कंपनी लिमिटेड (म्हाइको) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में किसानों को कपास का अच्छा दाम मिला है इसीलिए किसानों ने कपास की बुवाई पिछले साल ज्यादा की है। गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक तथा मध्य प्रदेश में भी चालू सीजन में बुवाई बढऩे की संभावना है। चालू सीजन में बीटी कपास के बीजों की देशभर में कुल मांग बढ़कर 4 से 4.25 करोड़ पैकेट होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल बीटी कपास के बीजों की कुल बिक्री 3.60 करोड़ पैकेट की हुई थी।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार कपास की बुवाई पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 17.1 फीसदी बढ़ी है। चालू सीजन में अभी तक 9.5 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल 8.11 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
पंजाब में चालू सीजन में 4.44 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.9 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इसी तरह से हरियाणा में पिछले साल की समान अवधि के 3.13 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 3.66 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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