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09 अगस्त 2011

डॉलर की गर्मी से पिघल रही एल्युमीनियम


नई दिल्ली August 07, 2011
पिछले कुछ समय से लगातार उछल रही एल्युमीनियम की कीमतें अब नीचे आने लगी हैं। जानकारों के मुताबिक अमेरिकी संकट थमने से यूरो के मुकाबले डॉलर में मजबूती आई है, जिसका असर एल्युमीनियम पर दिख रहा है। इसके अलावा वाहन उद्योग की धीमी रफ्तार ने भी एल्युमीनियम को कुंद किया है और यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर एल्युमीनियम का भाव पिछले 10 दिनों में 2,650 डॉलर से घटकर 2,402 डॉलर प्रति टन पर आ टिका है। इसी दौरान देसी वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर इसके अगस्त अनुबंध का भाव भी 116.45 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 105.65 रुपये प्रति किलो रह गया है। धातु उद्योग के विश्लेषक बताते हैं एल्युमीनियम कारोबार के लिए संकेत फिलहाल अच्छे नहीं हैं। डॉलर में मजबूती अभी जारी रह सकती है और इस धातु की ज्यादा खपत करने वाला देश चीन ब्याज दरों में फिर इजाफा कर सकता है। ऐसे में कीमतें आगे भी नरम ही रह सकती हैं।कमोडिटीइनसाइट डॉट कॉम के धातु विश्लेषक अभिषेक शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि चीन, अमेरिका और भारत समेत कई देशों में वाहन उद्योग सुस्त होकर रेंगने लगा है। इससे वाहनों में इस्तेमाल के लिए एल्युमीनियम की मांग कम हो गई है। अमेरिकी घटनाक्रम ने इसका भाव और गिराया है। उनके मुताबिक 1 महीने से एल्युमीनियम का भाव मांग की वजह से नहीं बल्कि डॉलर की कमजोर सेहत की वजह से बढ़ रहा था। अब अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़े बढ़ गए हैं, यूरोप और एशिया के कई देशों में औद्योगिक उत्पाद गिर रहा है, जिसकी मार एल्युमीनियम पर भी पड़ रही है।ऐंजल ब्रोकिंग के अनुज गुप्ता भी इस बात से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि एल्युमीनियम का भाव हाल में अच्छी खबरों से काफी बढ़ा है। अब मुनाफावसूली इसमें गिरावट ला रही है।शर्मा को आगे भी भाव बेहतर होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। उनके मुताबिक बाजार पहले ही बढ़ चुका है और चीन में ब्याज दरें फिर बढऩे का खटका है। इसके अलावा वाहन उद्योग की सुस्ती भी एल्युमीनियम पर भारी पड़ रही है, इसलिए इसके भाव तेज होने की सूरत फिलहाल नजर नहीं आ रही है। (BS Hindi)

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