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28 सितंबर 2011

'कर चुकाने के बाद ही हो सदस्यता हस्तांतरित'

मुंबई September 27, 2011
जिंस डेरिवेटिव्स बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने जिंस एक्सचेंजों से कहा है कि सदस्यता के हस्तांतरण या बिक्री से पहले सदस्यों द्वारा बकाया कर का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। करीब एक सप्ताह पहले अपने सदस्य एक्सचेंजों को जारी किए गए सर्कुलर में एफएमसी ने उनके पास संबंधित सदस्यों द्वारा आंशिक या संपूर्ण सदस्यता के हस्तांतरण के लिए किए गए आवेदन के साथ अतिरिक्त शपथ-पत्र लेने को कहा है। इस शपथ-पत्र में यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित सदस्य ने पूर्ण या आंशिक सदस्यता के हस्तांतरण से पहले सभी कर देनदारियां चुकता कर दी हैं।एक्सचेंज के एक अधिकारी ने कहा कि 'हालांकि अगर उनके किसी सदस्य के खिलाफ कर चोरी का मामला आता है तो एफएमसी ने इसके लिए एक्सचेंजों को जिम्मेदार नहीं बनाया है। जिंस एक्सचेंज अपने सदस्यों की कर देनदारी के भुगतान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।'उन्होंने कहा कि हालांकि यह केवल सदस्यों से ली जाने वाली अतिरिक्त शपथ है, जिसे सदस्यता में बदलाव के बाद नियामक को भेजा जाएगा। एफएमसी सख्त दिशानिर्देशों के अभाव और विभिन्न करों जैसे आयकर, ट्रांजेक्शन टैक्स, बिक्री कर, मूल्य संवर्धित कर आदि का बोझ संबंधित सदस्यों पर डालने के कारण सदस्य इन करों का भुगतान किए बिना अपनी सदस्यता बेच रहे थे। अब तक न ही एफएमसी और न ही जिंस एक्सचेंजों को अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत संबंधित टैक्स अथॉरिटीज से स्पष्ट निर्देश मिले। इसके कारण कर भुगतान के बिना किसी प्रमाण के सदस्यता स्थानांतरित की जा रही थी। सभी एक्सचेंजों के सदस्यता हस्तांतरण के नियम अलग-अलग हैं। यह एक्सचेंज द्वारा तय मापदंडों पर निर्भर करता है। लेकिन किसी भी एक्सचेंज से उसके द्वारा विभिन्न अथॉरिटीज को भुगतान किए गए कर के बारे में स्पष्ट शपथ नहीं मांगी जा रही है। आवेदक और लाभार्थी के बारे में विभिन्न पहलुओं की जांच करने के बाद एक्सचेंज पूर्ण या आंशिक हिस्सेदारी हस्तांतरित करते हैं। लेकिन वर्तमान दिशानिर्देशों के तहत आवेदक सदस्य द्वारा चुकाए गए कर के कारण सदस्यता के हस्तांतरण पर प्रश्न नहीं खड़ा किया जा सकता है।हस्तांतरण के साथ ही कंपनी का नाम बदलता है और लाभार्थी कंपनी कंपनी पर लागू टैक्स स्लैब में भी परिवर्तन होता है। इसके परिणामस्वरूप आवेदक कंपनी द्वारा कर चोरी करने की ज्यादा संभावना होती है।एक्सचेंज के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 'एफएमसी ने यह सुनिश्तित करने की कोशिश की है कि सभी सदस्य सभी कर नियमों का पालन करें। यह दूसरी शर्त है, जिसका पालन करने के लिए नियामक ने कहा है।'हालांकि जिंस एक्सचेंज सदस्यता के हस्तांतरण से पहले सदस्यों के वित्तीय ब्यौरों का लेखा-जोखा नहीं करेंगे। कुछ सदस्यों के खातों की जांच में एफएमसी ने पाया कि उन्होंने सदस्यता में बदलाव किए बिना संबंधित प्राधिकरणों को कर का भुगतान नहीं किया। इसके साथ ही नियामक ने जिंस वायदा कारोबार में और अधिक पारदर्शिता लाने और सदस्यों द्वारा विभिन्न कर अथॉरिटीज के दिशानिर्देशों का पालन कराने की कोशिश की है। नियामक अन्य कर अथॉरिटीज जैसे आयकर, बिक्री कर आदि को आंकड़े भेजने पर विचार कर रहा है, जिससे सभी सरकारी विभाग सहयोगात्मक रूप से कार्य कर सकें। (BS Hindi)

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