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08 अक्तूबर 2011

आलू नरम, किसानों का निकला दम

नई दिल्ली October 06, 2011




बीते दो वर्षों से आलू का बंपर उत्पादन किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अच्छी पैदावार के चलते किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं और मौजूदा भाव पर नुकसान उठाना पड़ रहा है। दरअसल किसानों ने जिस भाव पर आलू का भंडारण किया था, मौजूदा भाव उससे 100 रुपये प्रति क्विंटल कम है। आवक बढऩे से महीने भर में आलू के दाम में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
किसानों की मुसीबत की वजह उत्पादक राज्यों में आलू का भंडार काफी ज्यादा होना है। शीत भंडारगृहों में अभी भी 45-50 फीसदी आलू बचा हुआ है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के अनुसार 2010-11 में आलू का उत्पादन 10 फीसदी बढ़कर 4.02 करोड़ टन हुआ है। इसमें से उत्तर प्रदेश में 98 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 56 लाख टन और पंजाब में 14 लाख टन आलू का भंडारण हुआ है, जो पिछले साल से 15 फीसदी ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश के आलू किसान बटुक नारायण मिश्रा बताते हैं कि फरवरी-मार्च में 400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर आलू का भंडारण किया था, जिस पर करीब 150 रुपये प्रति क्विंटल भंडार सहित अन्य खर्च हो चुके हैं और अब 500 रुपये का भाव मिल रहा है। पश्चिम बंगाल के किसान अरुण कुमार घोष का कहना है कि राज्य के आलू किसानों को 550-570 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। नई फसल के समय आलू का भाव 480-500 रुपये प्रति क्विंटल था और शीत भंडारगृह में आलू रखने पर 170 रुपये प्रति क्विंटल का खर्चा आ चुका है। इस तरह एक क्विंटल पर 100 रुपये के नुकसान में हैं। कन्फेडेरेशन ऑफ पोटेटो सीड फॉर्मर्स (पॉस्कोन) पंजाब के महासचिव जंगबहादुर सिंह भी आलू किसानों को घाटे की बात दोहराते हैं।
उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार आलू का खुदरा भाव दिल्ली में 17 रुपये, आगरा में 10 और कोलकाता में 8 रुपये प्रति किलोग्राम है। आजादपुर मंडी के आलू कारोबारी वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि मंडी में आलू की आवक ज्यादा है, जबकि सभी राज्यों में भारी स्टॉक के कारण मांग कमजोर है। इसलिए महीने भर में आलू के दाम 100 रुपये गिर चुके हैं।
एनएचआरडीएफ के निदेशक आर पी गुप्ता का कहना है कि अभी तक कुल भंडार का 50-55 फीसदी ही आलू बाहर आया है, जबकि कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश से नये आलू की आवक चालू है और पंजाब से भी नई फसल आने लगेगी। आगरा शीत भंडारगृह संघ के अध्यक्ष सुदर्शन सिंघल ने बताया कि आगरा के भंडारगृहों में 4 करोड़ कट्टे (50 किलोग्राम) आलू का भंडारण हुआ था, जिसमें से 50 फीसदी आलू अभी बचा है। (BS Hindi)

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