कुल पेज दृश्य

13 अक्तूबर 2011

चाय का रिकॉर्ड उत्पादन मुमकिन

कोलकाता October 12, 2011




इस साल चाय का उत्पादन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच सकता है और कुल मिलाकर उत्पादन 1 अरब किलोग्राम को पार कर जाने की संभावना है। भारतीय चाय संघ (आईटीए) के जारी ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त तक कुल उत्पादन में 330 लाख किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई। उद्योग के एक प्रतिनिधि ने कहा - यह अनुमान लगाना सुरक्षित है कि अगर यह रुख जारी रहा तो उत्पादन का आंकड़ा 98.40 करोड़ किलोग्राम के पूर्व रिकॉर्ड को पार कर जाएगा।
चाय उद्योग ने साल 2008 में 98.4 करोड़ किलोग्राम उत्पादन का सर्वोच्च स्तर हासिल किया था। पिछले साल खराब मौसम व कीटों के हमले के चलते हालांकि कुल उत्पादन 96.6 किलोग्राम रहा था। पिछले साल उत्पादन घटने के चलते ही उद्योग को लग रहा है कि उत्पादन बढऩे के बाद भी चाय की किल्लत जारी रहेगी।
पारंपरिक रूप से भारत में हर साल खपत में 3 करोड़ किलोग्राम की बढ़ोतरी हो रही है। अगर इस साल कुल उत्पादन में 340-342 लाख किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई (जैसी कि उम्मीद है) तो बढ़ती खपत की भरपाई के लिए यह पर्याप्त होगा। असम और पश्चिम बंगाल में कुल उत्पादन 380 लाख किलोग्राम ज्यादा होगा। दक्षिण भारत में हालांकि उत्पादन में 40 लाख किलोग्राम की कमी दर्ज की जाएगी। आईटीए के एक अधिकारी ने कहा - अगर इस साल 340 लाख किलोग्राम ज्यादा उत्पादन होता है तो चाय की कमी पूरी करने के लिए यह पर्याप्त होगा। उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद कीमतों में स्थिरता बनी हुई है।
चाय की नीलामी की औसत कीमत (अखिल भारतीय स्तर पर) 100.92 रुपये है जबकि पिछले साल यह 93.98 रुपये थी। एक ओर जहां असम और बंगाल में बढ़ोतरी 8 रुपये प्रति किलोग्राम की है, वहीं दक्षिण भारत में यह महज 3.15 रुपये प्रति किलोग्राम है।
उद्योग के एक प्रतिनिधि ने कहा - कीमतों में उतारचढ़ाव देखा जा रहा है। यह बढ़ोतरी उत्पादन लागत की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं है। पिछले साल उत्पादन लागत में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से उर्वरक, तेल व मजदूरी की लागत में बढ़ोतरी के चलते हुई है। उन्होंने कहा कि इन चीजों पर चाय उद्योग का नियंत्रण नहीं है।
एक ओर जहां भारत में उत्पादन ज्यादा है, वहीं बाकी दुनिया की हालत भिन्न है। चीन को छोड़कर विश्व में चाय के उत्पादन में 230 लाख किलोग्राम की कमी दर्ज की गई है। चीन में ग्रीन टी का उत्पादन इस साल 280 लाख किलोग्राम ज्यादा हुआ है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: