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29 नवंबर 2011

बढ़ती आयात लागत से महंगा हो सकता है खाद्य तेल

मुंबई November 28, 2011
आयात की लागत में इजाफा होने से खाद्य तेल की कीमतें अगली तिमाही के आखिर तक 10 फीसदी बढऩे की संभावना है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई भारी गिरावट ने इस जिंस को महंगा बना दिया है, जिसकी डिलिवरी अगले दो महीने में होनी है।भारत 155 लाख टन (अनुमानित) खाद्य तेल की कुल जरूरतों का करीब 45 फीसदी आयात करता है क्योंकि इसकी खपत में बढ़ोतरी की रफ्तार के मुकाबले घरेलू उत्पादन करीब-करीब स्थिर है। यानी घरेलू उत्पादन खपत में बढ़ोतरी के साथ-साथ चलने में नाकाम रहा है। पिछले कुछ सालों से खाद्य तेल की खपत सालाना 6-7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है।वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल में हुई बढ़ोतरी के चलते सरसों तेल की हाजिर कीमतें पिछले तीन महीने में 8.37 फीसदी बढ़ी हैं। 26 नवंबर को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सरसों तेल की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई और इसकी मौजूदा कीमतें 699.30 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हैं, जबकि 2 सितंबर को कीमतें 645.30 रुपये प्रति 10 किलोग्राम थीं। इस अवधि में हालांकि रुपये में 14.13 फीसदी की भारी गिरावट आई है और डॉलर के मुकाबले तीन महीने के पहले के 45.79 के मुकाबले यह शुक्रवार को 52.26 पर था।भारत में पाम तेल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने कहा - रुपये में आई गिरावट से घरेलू रिफाइनरी को भारी झटका लगा है क्योंकि भारतीय मुद्रा में आई गिरावट ने उस हद तक आयात उन्मुख जिंसों की कीमतें बढ़ाने में मदद की है। ऐसे में उपभोक्ताओं पर इस बढ़ोतरी का भार डालने में अक्षम स्वतंत्र रिफाइनरियां बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगी।मुंबई में 10 से 13 दिसंबर तक चलने वाले चार दिवसीय कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बेसिक केमिकल, फार्मास्युटिकल ऐंड कॉस्मेटिक्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन सतीश वाघ ने कहा - रुपये में आई गिरावट के साथ कॉस्मेटिक, साबुन और सर्फ आदि उत्पादों की लागत बढ़ेगी। इस कार्यक्रम का आयोजन ऑयल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया और इंडियन होम ऐंड पर्सनल केयर इंडस्ट्री एसोसिएशन कर रहा है और इसमें दुनिया भर के करीब 500 प्रतिभागियों के हिस्सा लेने की संभावना है।रिफाइंड सरसों तेल की कीमतें वाशी एपीएमसी में शनिवार को 720 रुपये प्रति 10 किलोग्राम थीं, जबकि तीन महीने पहले यह 695 रुपये प्रति 10 किलोग्राम के भाव पर बिक रहा था, यानी इसमें 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सोमवार को भी सरसों तेल में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिल्ली में यह 20 रुपये बढ़कर 1075-1175 रुपये प्रति टिन (16 किलोग्राम) पर पहुंच गई। इसकी मांग हालांकि कम रही क्योंकि इसके विकल्प की काफी ज्यादा आपूर्ति को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने बाजार से हाथ खींच लिया।खरीफ की तिलहन की पेराई इन दिनों जोरों पर है। ऐसे में रिफाइंड सोया तेल, मूंगफली तेल और तिल के तेल की आपूर्ति पिछले एक पखवाड़े से लगातार बढ़ रही है। इसके परिणामस्वरूप इन तेलों की कीमतें घटी हैं जबकि विशेषज्ञों को लगता है कि एक महीने के अंदर इसकी कीमतें बढ़ेंगी।करगिल इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (खाद्य तेल) सिराज चौधरी के मुताबिक, रुपये में आई कमजोरी ने खाद्य तेल की रिफाइनिंग करने वालों को मुश्किल में डाल दिया है। लेकिन आश्चर्यजनक यह है कि बाजार की रणनीति नहीं बदली है। आयात पर आश्रित यह जिंस घरेलू बाजार में महंगी हो गई है और आने वाले दिनों में ऐसा रुख जारी रहने की संभावना है।पिछले तेल वर्ष (नवंबर 2010-अक्टूबर 2011) में भारत में कुल 86.67 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ, जो इससे पूर्व वर्ष के 92.41 लाख टन के मुकाबले करीब 6 फीसदी कम है। इसमें कच्चे पाम तेल की हिस्सेदारी करीब 60 लाख टन की रही। चूंकि गोदरेज इंटरनैशनल के निदेशक दोराब मिस्त्री ने भविष्यवाणी की है कि इस साल कच्चे पाम तेल का आयात 25 फीसदी बढ़ेगा, लिहाजा आयात पर आश्रित यह जिंस इसी अनुपात में आगे बढ़ेगा।सामान्य तौर पर खाद्य तेल की रिफाइनरी चलाने वाले कच्चे पाम तेल का आयात करते हैं और देश में इसकी रिफाइनिंग करते हैं। इससे खाने लायक पाम तेल का उत्पादन होता है और यह दूसरे तेलों में मिलावट के लिए उपलब्ध होता है।सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा - खाद्य तेल की रिफाइनिंग करने वाले कीमतों में बढ़ोतरी और रुपये में गिरावट का असर एक सीमा तक ही झेल पाएंगे और उसके बाद वे इसका भार उपभोक्ताओं पर डाल देंगे। उन्होंने कहा - अगर यह रुख जारी रहता है तो खाद्य तेल की कीमतें आगे और बढ़ेंगी। मेहता ने हालांकि कहा कि पेराई का सीजन जोरों चलने के चलते लिहाजा मौसमी खाद्य तेल की कीमतें घटी हैं। सोमवार को मूंगफली तेल की कीमतें 16.67 फीसदी घटकर 850 रुपये प्रति 10 किलोग्राम पर आ गईं जबकि रिफाइंड सोयाबीन व सूरजमुखी की कीमतें क्रमश: 3.72 व 3.03 फीसदी गिरकर 621 रुपये व 640 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रहीं। (BS Hindi)

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