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05 दिसंबर 2011

भारत की सप्लाई के दबाव से विदेशी चावल के दाम घटे

भारत के सस्ते चावल की विश्व बाजार में सप्लाई के चलते थाईलैंड और वियतनाम ने अपने चावल के निर्यात मूल्य में कमी की है। भारत से गैर बासमती चावल इन दोनों देशों के चावल के मुकाबले सस्ता बिक रहा है। थाईलैंड और वियतनाम को चावल की निर्यात बाजार में मांग कमजोर होने से मजबूरी में कीमत घटानी पड़ रही है। कारोबारियों का कहना है कि थाई १०० फीसदी बी ग्रेड व्हाइट चावल की कीमत पिछले सप्ताह ६२० डॉलर प्रति टन थी जिसे इस सप्ताह घटाकर ६१० डॉलर प्रति टन कर दिया गया। पांच फीसदी टूटन का सफेद चावल ५८०-५९० डॉलर प्रति टन रहा। दूसरी ओर वियतनाम के चावल की निर्यात मांग कम होने की वजह से इसमें थाई चावल की तुलना में और भी नरमी आई है। वियतनाम के पांच फीसदी टूटन वाले चावल का मूल्य (एफओबी) सैगोन बंदरगाह पर घटकर ५४०-५७० डॉलर प्रति टन रह गए। पिछले बुधवार को यहां चावल की कीमत ५५५- ५६५ डॉलर तक प्रति टन थी। वहीं दूसरी ओर बीते सप्ताह २५ फीसदी टूटन वाले चावल के भाव ५१५ डॉलर- ५२५ डॉलर प्रति टन से बढ़कर ५२० डॉलर - ५३० डॉलर प्रति टन हो गया। हो ची मिन्ह शहर के एक निर्यातक ने कहा कि चावल के खरीदार थाई और वियतनाम में चावल की दरें ऊंची रहने की वजह से भारत और पाकिस्तान की ओर नजरें टिकाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वियतनाम से इंडोनेशिया के लिए चावल का उठान शुरू हो चुका है लेकिन छोटे स्तर की मांग से कीमतों में तेजी नहीं आती है। वियतनाम ने इंडोनेशिया को तीन लाख टन चावल बेचा है। इसकी डिलीवरी अभी से शुरू होकर अगले साल की फरवरी तक की जाएगी। बैंकॉक के एक कारोबारी ने कहा कि एशियाई चावल की कीमतों में खासकर थाई ग्रेड में वर्तमान मूल्य स्तर से ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं नजर आ रही है। वर्तमान मूल्य में ज्यादा गिरावट संभव नहीं होने की वजह थाईलैंड सरकार का समर्थन होना है। उम्मीद की जाती है कि थाईलैंड सरकार से आगे मदद मिलती रहेगी और वर्तमान मूल्य में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं की जाएगी। थाई सरकार सात अक्टूबर 2011 से ही किसानों से बाजार मूल्य से अधिक कीमत ४८० डॉलर प्रति टन के हिसाब से चावल की खरीद कर रही है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सेतिया के अनुसार इंडोनेशिया जैसे बड़े खरीदार कम मूल्य होने के कारण भारतीय चावल की ओर रुख कर रहे हैं। भारत ने 2007 के बाद पहली बार 20 लाख टन चावल निर्यात की अनुमति दी है। भारतीय निर्यातकों ने 15 लाख टन गैर बासमती चावल निर्यात के सौदे किए हैं। ज्यादातर सौदे अफ्रीका और मध्य-पूर्व के लिए हुए हैं। चावल निर्यात के सौदे 425-430 डॉलर प्रति टन के भाव पर किए गए हैं। जबकि थाईलैंड और वियतनाम का इसी किस्म का चावल 555-590 डॉलर प्रति टन चल रहा है। (Business Bhaskar)

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