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25 जनवरी 2012

ग्वार में कारोबार से रोके गए 2 ब्रोकर

सर्किट के जाल से ग्वार को बाहर निकालने की अपनी कवायद के तहत वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने दो ब्रोकरों को इसके कारोबार से बाहर कर दिया। नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सेंज ने भी ग्वार गम और ग्वार सीड के बिकवाली सौदों पर 10 फीसदी का विशेष मार्जिन लगा दिया, जो 25 जनवरी से लागू होगा।
एफएमसी ने ग्वार सौदों में गड़बड़ी रोकने और सटोरियों पर अंकुश लगाने के लिए विनोद कमोडिटीज को कारोबार से 1 साल के लिए और श्रेष्ठ कमोडिटीज ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज को 6 महीने के लिए रोक दिया। यह खबर मिलते ही बाजार में ग्वार गम और ग्वार सीड की बिकवाली चालू हो गई और दोनों जिंस एनसीडीईएक्स पर टॉप गेनर्स की सूची से निकलकर टॉप लूजर्स में शामिल हो गए। सुबह ग्वार सौदों में 3.5 फीसदी की तेजी थी, लेकिन शाम को लगभग सभी सौदों पर 4 फीसदी का निचला सर्किट लग गया। एनसीडीईएक्स पर ग्वार गम फरवरी अनुबंध 39,056 रुये प्रति क्विंटल पर और ग्वार सीड मार्च अनुबंध 11,915 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। हाजिर बाजार में भी जयपुर मंडी में ग्वार सीड 1,2500 रुपये तथा ग्वार गम 40,000 रुपये प्रति क्ंिवटल से नीचे गिर गए।
एफएमसी और एनसीडीईएक्स के संयुक्त दल ने पिछले महीने राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई कमोडिटी ब्रोकरों पर छापे मारकर कुछ अहम दस्तावेज जब्त किए थे। एफएमसी सूत्रों ने बताया था कि उसके बाद 6 ब्रोकरों और 30 सदस्यों को नोटिस भेजे गए हैं। उन्हीं में से 2 को एफएमसी ने वायदा कारोबार से बाहर कर दिया। सूत्रों के मुतािबक कुछ और ब्रोकरों तथा कारोबारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई जल्द ही हो सकती है।
एफएमसी ने ग्वार सौदों पर मार्जिन सीमा रिकॉर्ड 72 फीसदी कर दी है और पोजिशन सीमा घटाकर ग्वार सीड के लिए 12,000 टन तथा ग्वार गम के लिए 3,000 टन रोजाना कर दी है। ग्राहकों के लिए सीमा ग्वार सीड में 2,400 टन और ग्वार गम में 1,000 टन तय की गई है। निकट माह के ग्वार सीड सौदों में ब्रोकरों के लिए पोजिशन सीमा 4,000 टन और ग्राहकों के लिए 800 टन की गई है। ग्वार गम में ब्रोकरों की सीमा 600 और ग्राहकों की 200 टन रह गई है। एनसीडीईएक्स ने 25 जनवरी से दोनों जिंसों के सभी बिकवाली सौदों पर 10 फीसदी विशेष मार्जिन लगाने का ऐलान किया है। ऐंजल ब्रोकिंग की विश्लेषक नलिनी राव के मुताबिक अब ग्वार की कीमतें नीचे आएंगी क्योंकि एफएमसी सख्त है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इतने ऊंचे भाव पर खरीदार नहीं हैं। (BS Hindi)

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