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12 जनवरी 2012

प्याज ने बिगाड़ा किसानों और निर्यातकों का साज

पिछले साल ग्राहकों की आंखों से आंसू निकालने वाला प्याज इस बार किसानों, कारोबारियों और निर्यातकों को रुला रहा है। भारी पैदावार होने से मंडियों में प्याज की भरमार है, जिसके चलते किसानों को फसल के सही भाव नहीं मिल रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन और मिस्र का सस्ता प्याज भी भारतीय कारोबारियों का सिरदर्द बना हुआ है। अगले महीने से मंडी में नए प्याज की आवक शुरू होने के बाद कीमतों में और गिरावट की आशंका है। महाराष्ट्र की प्रमुख थोक मंडी पुणे, नासिक, मुंबई और अहमदनगर में प्याज का दाम घटकर 250 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है। फिलहाल थोक मंडियों में प्याज 250 रुपये से 600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है।
थोक बाजार में प्याज के भाव का असर खुदरा बाजार पर भी दिख रहा है। कुछ हफ्ते पहले तक 22 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिकने वाले प्याज का दाम खुदरा बाजार में अब 10 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया है। नवी मुंबई एपीएमसी मार्केट के प्याज व्यापारी मोहनलाल पुतलानी के अनुसार बाजार में प्याज की आवक बहुत ज्यादा है जबकि ग्राहक नहीं के बराबर हैं। प्याज के गिरते भाव से किसानों के साथ निर्यातक भी परेशान हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू प्याज की मांग कमजोर पड़ी है। नेफेड से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2011 में देश से कुल 10,37,978 टन प्याज का निर्यात हुआ है, जो पिछले साल की सामान्य अवधि से 23 फीसदी कम है। अप्रैल-दिसंबर 2010 में 13,40,772 टन प्याज का निर्यात किया गया था।
कारोबारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन और मिस्र से आने वाला प्याज 200 डॉलर प्रति टन से भी कम कीमत पर बिक रहा है। जबकि भारतीय प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 250 डॉलर प्रति टन है। कारोबारियों का कहना है कि अब भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में देसी प्याज के दाम ज्यादा हैं, जिस कारण ग्राहक नहीं मिल रहे हैं।
पिछले साल प्याज के ऊंचे भाव देखते हुए किसानों ने इसकी ज्यादा खेती की। मौसम अनुकूल होने के कारण भी पैदावार बढ़ी है लेकिन किसानों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। पुणे मंडी में प्याज लाने वाले किसानों का कहना है कि उन्हें खरीदार नहीं मिल रहे हैं और मजबूरी में औने पौने दाम पर माल बेचना पड़ रहा है।
किसानों की बात मानी जाए, तो कारोबारी 100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर भी प्याज खरीदने को तैयार नहीं हैं।
एपीएमसी अधिकारियों के अनुसार पिछले तीन दिन में महाराष्ट्र की विभिन्न मंडियों में 40 हजार टन से ज्यादा प्याज आया है। आने वाले समय में आवक और बढ़ेगा। ऐसे में प्याज का भाव और गिरने की आशंका है।
थोक मंडियों में दो-ढाई रुपये किलो बिकने वाला प्याज मुंबई के खुदरा बाजार में 10-20 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। इस पर कांग्रेस के प्रवक्ता संजय निरुपम ने राज्य के कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल से मुलाकात की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मार्च के बाद दाम घटने शुरू हो जाएंगे। (BS Hindi)

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