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17 फ़रवरी 2012

चालू वित्त वर्ष के अंत तक देश में विभिन्न जिंसों का वायदा कारोबार 3,500 अरब डॉलर के स्तर को छू जाएगा। वायदा बाजार आयोग के चेयरमैन रमेश अभिषेक ने शुक्रवार को कहा, 'इस वित्त वर्ष में वायदा बाजार कारोबार अभी तक 3,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है। ऐसे में वित्त वर्ष के अंत तक हम इसके 3,500 अरब डॉलर के आंकड़े को छूने की उम्मीद कर रहे हैं।'

दाल-दलहन उद्योग की उड़द और तुअर दाल में वायदा कारोबार फिर शुरू करने की मांग पर उन्होंने कहा कि इस पर आयोग वायदा अनुबंध नियमन कानून में संशोधन होते ही आगे कुछ करने की स्थिति में होगा। अगले कुछ महीने में संशोधन प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा जा सकता है। अभिषेक ने कहा कि वायदा बाजार के बेहतर नियमन के लिए इको सिस्टम (उचित भंडारण, ऋण सुविधा, वित्तीय बाजार) के साथ उचित संतुलन जरूरी है।

उड़द, तुअर का वायदा कारोबार जनवरी 2007 में बंद हुआ था। उद्योग जगत लगातार इन जिंसों के वायदा कारोबार को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहा है। फिलहाल सिर्फ चने का वायदा कारोबार होता है। उल्लेखनीय है कि अभिजीत सेन समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में दालों की कीमतों में तेजी के लिए वायदा कारोबार को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। अभिषेक ने कहा कि वायदा बाजार कानून में संशोधन से न केवल वायदा बाजार का बेहतर तरीके से नियमन हो सकेगा बल्कि इसमें पारदर्शिता भी आएगी। (BS Hindi)

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